श्रावण के पहले सोमवार को इतनी भीड़ उमड़ी कि सबको देनी पड़ी एंट्री
शाम को निकलेगी महाकाल की सवारी
श्रद्धालुओं में धक्का-मुक्की, भीड़ इतनी हो गई की बच्चे दब गए और रोने लगे
उज्जैन। सावन माह के पहले सोमवार पर महाकालेश्वर के दर्शन की प्रशासन व पुलिस अफसरों द्वारा की गई व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गयी। ऑनलाइन स्लाट बुकिंग सिस्टम से 5 हजार लोगों को भगवान के दर्शन कराने की बात कही गई थी लेकिन दर्शनों के लिये देश भर के 50 हजार से अधिक श्रद्धालु मंदिर पहुंच गये।
तीन कतारें एक साथ चलाने के बावजूद लोग बेकाबू होते रहे। खास बात यह कि मंदिर तक पहुंचने के लिये चार किलोमीटर दूर से ही चौपहिया वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया गया। लोगों को लालपुल, जयसिंहपुरा आदि सुनसान क्षेत्रों में वाहन खड़े कर पैदल मंदिर तक आना पड़ा।
ऑनलाइन प्री बुकिंग सिस्टम से सुबह 6 से 11 बजे के दौरान अधिकतम 5 हजार लोगों को दर्शन कराना थे। सुबह से व्यवस्था इसी प्रकार चली लेकिन समय गुजरते लोगों की भीड़ बढ़ती चली गई। सुबह 8.30 बजे तक स्थिति यह हो गई कि महाकाल घाटी से लाइन शुरू हुई जिसे बड़ा गणेश मंदिर के सामने से हरसिद्धि चौराहे तक लाया गया। यहां से टर्न करने के बाद लाइन वापस बड़ा गणेश से होते हुए बड़ा गणेश घाटी के सामने बेरिकेट में प्रवेश के बाद गेट नंबर 4 से लोगों को प्रवेश दिया गया। भीड़ बढ़ी तो इसी लाइन को दो पंक्तियों में चलाया गया। भीड़ बढऩे के साथ ऑनलाइन बुकिंग चैक करने वाले कर्मचारी भी परेशान हो गये और अधिकांश लोगों ने बिना बुकिंग दिखाये ही प्रवेश शुरू कर दिया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी दर्शन के लिए आएंगे…
श्रावण के पहले सोमवार को मध्य प्रदेश के महाकाल और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के अलावा मंदसौर के विश्वप्रसिद्व पशुपतिनाथ मंदिर में सुबह से ही दर्शनार्थियों की भीड़ लग गई। उज्जैन में शाम 4 बजे महाकाल की सवारी निकलेगी, जो वापस मंदिर 6 बजे आएगी। शाम 7 से 9 बजे तक श्रद्धालु फिर से दर्शन कर सकेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी महाकाल दर्शन के लिए पहुंचेंगे। इससे पूर्व महाकाल मंदिर में तड़के 3 बजे मंदिर के पट खुलने के बाद भस्म आरती हुई। भस्म आरती के दौरान सिर्फ पंडे-पुजारी ही गर्भगृह में रहे। बाबा महाकाल का भांग और चंदन से श्रृंगार किया गया। मंदिर प्रबंध समिति ने लाइव दर्शन की भी व्यवस्था की।