उज्जैन। कोविड-19 की वजह से इस बार भी नागपंचमी पर्व पर 13 अगस्त को भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन कोरोना गाइडलाइन के मद्देनजर केवल लाइव ऑनलाइन सोशल मीडिया और महाकाल मंदिर के एप के माध्यम से ही हो पाएंगे। सामान्य दर्शन प्रतिबंधित रहेंगे। केवल परंपरागत पूजन ही होगा।
वर्ष में एक बार 24 घण्टे के लिए खुलने वाला नागचंद्रेश्वर मंदिर महाकाल मंदिर के शिखर पर स्थित है। नागपंचमी पर्व पर भगवान नागचंद्रेश्वर के जन्मदिन के रुप में मनाया जाने वाला यह पर्व प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं द्वारा आनंद-उमंग और पूर्ण आस्था के साथ मनाया जाता है, लेकिन पिछली साल कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते किसी भी श्रद्धालु को मंदिर में प्रवेश और दर्शन की अनुमति नहीं दी गयी थी। पिछले वर्ष की तरह ही इस बार भी मंदिर समिति ने महाकाल एप और वेब साईट के माध्यम से लाइव दर्शन की व्यवस्था की है।
नागपंचमी के दिन परम्परागत शासकीय पूजन यथावत रहेगा। प्रति वर्ष आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की तादाद और तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
भगवान महाकालेश्वर के दर्शन प्री-बुकिंग पर ही
नाग पंचमी के दिन भगवान महाकालेश्वर के दर्शन भी प्री बुकिंग से ही होंगे। अत: नाग पंचमी पर्व के अवसर पर भगवान महाकालेश्वर के दर्शन करने आने वाले दर्शनार्थी प्री बुकिंग करवा कर ही दर्शन के लिए आए। उज्जैन कलेक्टर एवं महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के आशीष सिंह ने इस संबंध में बताया कि उक्त निर्णय श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत श्री विनीत गिरी महाराज एवं श्री महाकालेश्वर प्रबन्ध समिति की सहमति से लिया गया हैं। 11 वीं शताब्दी के परमार कालीन इस मंदिर के शिखर के मध्य बने नागचंद्रेश्वर के मंदिर में शेष नाग पर विराजित भगवान शिव तथा पार्वती की यह दुर्लभ प्रतिमा है तथा साल में केवल एक बार ही खुलने वाले इस मंदिर के दर्शन के लिए हर साल करीब दो से तीन लाख श्रद्धालु आते थे लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस बार श्रद्धालुओं को नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने को नहीं मिलेंगे।