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उज्जैन में अजब गजब- सरकार को चपत लगने से बची

उज्जैन में अजब गजब- सरकार को चपत लगने से बची

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52 लाख रुपए ज्यादा दे दिए, ठेकेदार ने लौटाए

अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:रोड बनाने वाले एक ठेकेदार को पीडब्ल्यूडी ने 52 लाख रुपए ज्यादा दे दिए, लेकिन ठेकेदार ने विभाग को राशि लौटकर सरकार को चपत लगने से बचा लिया। यह अजब गजब मामला सामने आया तो अफसर भी हैरत में पड़ गए और कुछ समय के लिए उनके पैरों तले से जमीन ही मानों खिसक गई थी।

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दरअसल, बडऩगर के ठेकेदार कांतिलाल उमठ को पीपलू और लुहाना सहित तीन चार सड़कों पर डामरीकरण का काम दिया गया था। काम पूरा होने पर 52 लाख रुपए के बिल लगाए तो गफलत में 52 लाख रुपए का एक और चेक उनके नाम से बन गया। बाद में जब पता चला तो उन्होंने विभाग को 52 लाख रुपए की राशि वापस लौटा दी। इस पर अफसरों ने राहत की सांस ली।

आधी रात बाद खुला पीडब्ल्यूडी का दफ्तर!

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पिछले हफ्ते पीडब्ल्यूडी का दफ्तर रात 12. 30 बजे खुलने का मामला भी सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक ईई जीपी पटेल ने आधी रात बाद अचानक दफ्तर खुलवाया और कर्मचारियों की अटेंडेंस चेक की। जिन कर्मचारियों ने साइन नहीं किए थे, उन पर क्रॉस लगा दिए। कर्मचारियों का कहना है कि ऐसा अक्सर होता है कि काम की जल्दी में साइन नहीं कर पाते। बाद में साइन कर दिए जाते हैं ताकि जरूरी काम प्राथमिकता से हो सकें। पिछले हफ्ते पहली बार ईई ने अचानक सिर्फ अटेंडेंस रजिस्टर चेक करने के लिए दफ्तर खुलवाया। इससे कर्मचारियों में हलचल मची हुई है। सोमवार या मंगलवार को नए ईई की ज्वाइनिंग के बाद इस मामले का निराकरण होने की संभावना है।

कैसे हुआ दोबारा पेमेंट

पीडब्ल्यूडी में पेमेंट से पहले बारीकी से जांच होती है। लेखाधिकारी भी हैं, लेकिन ठेकेदार उमठ के मामले में गफलत से दो मेमोरेंडम बन गए और बकायदा 52 लाख की राशि का दूसरा चेक भी जारी हो गया। बाद में ठेकेदार से अफसरों ने डीडी जमा कराई। ठेकेदार ने भी तत्काल राशि लौटा दी।

यह सही है कि मुझे सड़कों के काम का 52 लाख रुपए का अतिरिक्त चेक जारी हो गया था। यह मानवीय त्रुटि के कारण हो गया था। किसी तरह की वित्तीय गड़बड़ी के उद्देश्य से ऐसा नहीं किया गया। यह राशि मैं जमा करा चुका हूं।
-कांतिलाल उमठ, ठेकेदार, बडऩगर

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