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उज्जैन में पानी पिला रहे और बिल ही नहीं दे पा रहे….

गफलत में करोड़ों रुपए की वसूली, लाखों रुपए का फंड पीएचई से दूर

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उज्जैन में पानी पिला रहे और बिल ही नहीं दे पा रहे….

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:नगर निगम की पीएचई भी कमाल की है, लाखों रुपए का पानी रोज पिलाया जा रहा और बदले में बिल ही नहीं बांट पा रहे। इससे करोड़ों रुपए की वसूली गफलत में पड़ी हुई है। लाखों रुपए लोगों से वसूल ही नहीं कर पा रहे। पीएचई जल्द ही बिल बांटने की व्यवस्था दुरुस्त करने की कवायद कर रही।

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पानी के बिलों की वसूली को लेकर पीएचई की जलकार्य समिति प्रभारी प्रकाश शर्मा द्वारा बुधवार को मंथन किया गया तो चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आई कि लोगों तक बिल ही नहीं पहुंच पा रहे। इस कारण उपभोक्ता भी बिल का पैसा भर नहीं पा रहे। वर्तमान में देवासगेट स्थित मुख्यालय पर ही बिल जमा हो रहे। जबकि लोगों की सुविधा के लिए हर जोन में बिल भरने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए और हर माह समय पर बिल लोगों के घरों तक पहुंचाए जाएं तो आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकती है।

पीएचई के पास वैसे तो बिल कलेक्टर और बिल डिस्ट्रीब्यूटर दोनों हैं, लेकिन कई मामलों में लेजऱ और कम्प्यूटर पर मिलान न हो पाने के कारण भी बिल जारी नहीं हो पा रहे। हालांकि पीएचई के अधिकारी इस व्यवस्था को सुधारने की कवायद कर रहे हैं। अधिकारियों का दावा है कि समूहों के माध्यम से बिल वितरण व्यवस्था कराई जाएगी। पीएचई में 28 सर्कल के 28 बीसी यानी बिल क्लर्क और इतने ही बिल डिस्ट्रीब्यूटर हैं।

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अब स्व सहायता समूहों से डिस्ट्रीब्यूट कराएंगे बिल…!

पीएचई में कुछ समय पहले बिल वितरण के लिए बेहतर व्यवस्था की गई थी। योजना के माध्यम से नि:शुल्क बिल लोगों के घरों तक पहुंचाना शुरू कर दिए गए थे, लेकिन बाद में यह व्यवस्था फिर दम तोड़ गई। बिल जमा कराने की व्यवस्था का विकेंद्रीकरण कर जोन वार बिल जमा करने की व्यवस्था शुरू की गई थी ताकि लोग आसानी से कम दूरी पर ही बिल जमा कर सकें। अब दोबारा पीएचई के अधिकारी स्व सहायता समूहों के माध्यम से बिल वितरण कराने की योजना पर मंथन कर रहे ताकि लोगों के घरों तक बिल पहुंच सके।

यह सही है कि पानी के बिल अभी लोगों के घरों तक पहुंचाए नहीं जा रहे। इस व्यवस्था को सुधारने के निर्देश दिए हैं। बकाया बिलों की वसूली पर भी फोकस किया है। अवैध नल कनेक्शन काटने के लिए प्लंबरों की जिम्मेदारी तय की गई है।
प्रकाश शर्मा, प्रभारी जल कार्य समिति, पीएचई नगर निगम

लेजऱ का रिकॉर्ड अपडेट नहीं, अटकी वसूली

सूत्रों के अनुसार पीएचई में बिल वसूली का रिकॉर्ड अपडेट नहीं हो पाने से भी वसूली का काम प्रभावित हो रहा। हो यह रहा है कि लोगों ने पैसा जमा कर दिया, लेकिन रिकॉर्ड में वह अपडेट नहीं हो पाता। कुछ कर्मचारी भी इस मामले में गड़बड़ी करते हैं। वे लोगों से पैसा लेकर रिकॉर्ड में एंट्री नहीं कराते।

इस तरह के कुछ गबन पहले पकड़े भी जा चुके हैं। तत्कालीन आयुक्त अंशुल गुप्ता ने एक कर्मचारी का गबन पकड़ा था और उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देशित भी किया था। इस कारण इस मामले को गंभीरता से लेकर लेजऱ का रिकॉर्ड चेक किया जाना चाहिए। पहले नगर निगम से एक अधिकारी को भेजकर ऑडिट किया जाता था। इससे गड़बडिय़ां पकड़ में आ जाती थीं। रसीद कटने के बाद रिकॉर्ड में इंद्राज नहीं होने से रिकॉर्ड अलग और रसीद अलग कहानी कहती है। रिकॉर्ड अपडेट नहीं होने से पुराने बिल पुरानी राशि के ही सामने आ रहे।

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