उज्जैन : रेलवे स्टेशन के वाहन पार्किंग में ठेकेदार की गुंडागर्दी के खिलाफ लोगों ने सोशल मीडिया पर छेड़ी मुहिम

फेसबुक पर लोगों ने साझा किये अपने बुरे अनुभव, बोले- यात्री को छोड़ कर जाने के नाम पर भी ठेकेदार का लड़का वसूल रहा रुपए, नहीं देने पर यात्रियों को देता है धमकी

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अक्षरविश्व प्रतिनिधि.उज्जैन। रेलवे प्रशासन द्वारा स्टेशन परिसर में वाहनों से आवागमन करने वालों की सुविधा के लिये चार पहिया वाहनों की पार्किंग का ठेका प्रायवेट एजेंसी को दिया है। एजेंसी के कर्मचारी ठेके के नियमों का पालन न करते हुए यहां चार पहिया वाहनों से अपने लोगों को लेने अथवा छोडऩे आने वालों से थू्र लेन में न सिर्फ रुपयों की मांग की जाती है बल्कि उनके साथ अभद्रता भी की जा रही है।

खास बात यह कि यह पार्किंग आरपीएफ और जीआरपी थानों के बीच है बावजूद इसके पुलिस द्वारा वाहन स्टैंड कर्मचारी की गुंडागर्दी पर लगाम नहीं लगा पा रहे। स्टेशन परिसर – पार्किंग में लम्बे समय से इतना कुछ हो रहा हो और जीआरपी और आरपीएफ के अफसरों के नालेज में यह ना ही ऐसी बात पचा पाना जऱा मुश्किल है।

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वाहन पार्किंग कर्मचारी की अभद्रता और मनमानी का शिकार हुए एक व्यक्ति हरीश सवलानी ने अपनी आप बीती फेसबुक पर उज्जैन वाले ग्रुप पर शेयर की, उन्होंने लिखा- आज सुबह 7.20 बजे ट्रेन से मेहमान को लेने जाना हुआ और ये महानुभव ने थू्र लेन वाली जगह पर खड़ा होने पर पार्किंग के 20 रुपये की मांग की जाने लगी और अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगा और इनको इनकी भाषा में समझा दिया लेकिन क्या ये उचित बात है जहां इनका पार्किंग क्षेत्र नहीं है वहां ये गुंडागर्दी करने लगते हैं, प्रशासन ध्यान दे। इस पोस्ट के साथ उन्होंने अभद्रता करने वाले व्यक्ति का फोटो भी साझा किया।

इस पोस्ट के बाद ग्रुप के सदस्यों ने शासन की व्यवस्था और ठेकेदार कर्मचारी की मनमानी पर तीखे विचार और अपने अपने अनुभव शेयर किये, जो इस प्रकार है-

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इसका नाम सुनील है और यह बहुत ही बदतमीज और गंदे तरीके से दादागिरी से रंगदारी वसूलता है।
– शैलेन्द्र कुशवाह

रेलवे स्टेशन या मालगोदाम दोनों जगह अनावश्यक रूप से यह गुंडागर्दी कई वर्षों से प्रचलित है। कई बार इसका विरोध भी किया गया, परंतु शायद प्रशासन भी इनका पूर्ण समर्थन करता है। इसलिये ये बिन भय के अपनी दादागिरी करते हैं।
अंकित कुमार शांडिल्य

जब प्रायवेट लोगों के हाथों में सरकारी संपत्ति गई है ऐसे गुंडे बढ़ गए हैं जो बहुत ही बदतमीजी और अभद्र तरीके से बातें करते हैं।
– पंकज कुरील

यदि कोई रेलवे अधिकारी या जीआरपी थाना प्रभारी यदि इस पोस्ट को देख रहे हैं तो इसे स्वत: ही संज्ञान में ले ले। ऐसा लगता है की भ्रष्टाचारी के आगे सब बेबस है।
– गोपाल भावसार

और इधर जीआरपी टीआई कैथवास और आरपीएफ टीआई मीणा के अजीब तर्क- जब तक शिकायत नहीं, तब तक कार्यवाही नहीं

इस मामले की मुझे कोई जानकारी नहीं है। यदि वाहन स्टैंड का कर्मचारी थू्र लेन में वाहन ले जाने के रुपये मांगे जाते हैं तो यह गलत है। इस प्रकार अभद्रता या रुपये मांगने की शिकायत आरपीएफ थाने में आती है तो कर्मचारी पर कार्रवाई की जायेगी।
-पृथ्वीराज मीणा, टीआई आरपीएफ

वाहन पार्किंग स्टैंड के कर्मचारी द्वारा अवैध वसूली या अभद्रता की अब तक किसी ने थाने में शिकायत नहीं की है। सोशल मीडिया पर उसके खिलाफ मुहिम की जानकारी मिली थी। हम स्वयं संज्ञान लेकर स्टेशन मास्टर को पत्र लिख रहे हैं। उनके माध्यम से ही आगे की कार्रवाई
भी करेंगे।
– निर्मल कुमार कैथवास, टीआई जीआरपी

धार्मिक नगरी हो रही बदनाम
उज्जैन शहर भगवान महाकालेश्वर की नगरी होने के साथ ही धार्मिक राजधानी भी मानी जाती है। यहां देश विदेश से प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग ट्रेनों से देवदर्शन को आते हैं। रेलवे स्टेशन पर यदि ऐसे गुंडे बदमाशों से श्रद्धालुओं का सामना होता है तो धार्मिक नगरी की बदनामी होती है साथ ही देश में शहर का नकारात्मक मैसेज भी जाता है।

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