उज्जैन : लापरवाही: क्या इस बार फिर से लोगों की जान जाएगी ऑक्सीजन के अभाव में

अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन। शा.माधवनगर हॉस्पिटल को कोविड-19 के लिए बनाया गया है। यहा ंपर इस समय सारे बेड फुल है वहीं तकरीबन सभी मरीजों को ऑक्सीजन लग रही है। ऑक्सीजन की खपत गत वर्ष मई माह के बराबर हो गई है। लेकिन जिसके पास ऑक्सीजन सिलेण्डर सप्लाय का ठेका है,वह डिलेव्हरी में देरी कर रहा है। यह आरोप है हॉस्पिटल स्टॉफ के।

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इंदौर वाला डीलर गत वर्ष की तरह इस बार भी कर रहा देरी से डिलेव्हरी

बीती रात करीब साढ़े 3 बजे शा.माधवनगर में अचानक ऑक्सीजन की कमी आ गई। सिलेण्डरों में भरी ऑक्सीजन समाप्त हो गई वहीं कई मरीज जोकि केवल ऑक्सीजन पर ही हैं,को लेकर संकट आ खडा हुआ कि समय पर सिलेण्डर नहीं मिले तो मौतों का सिलसिला शुरू न हो जाए? स्टॉफ इसलिए भी चिंतित था कि गत वर्ष कोरोना काल में ऐसे ही एक मामले में एक साथ तीन मौते ऑक्सीजन के अभाव में हो गई थी। हॉस्पिटल प्रभारी डॉ.भोजराज शर्मा को तुरंत स्टॉफ ने फोन किया। उन्होने भी इंदौर में जिसे गत वर्ष ठेका दिया गया था,को मोबाइल फोन किया और नाराजगी व्यक्त की कि सिलेण्डर अभी तक क्यों नहीं भिजवाए? इस दौरान अति आवश्यकवालों को ही ऑक्सीजन का फुल प्रेशर दिया गया,वहीं कुछ को सामान्य स्थिति के चलते ऑक्सीजन हटाकर स्थिर हालत में रखा गया। यह सबकुछ आंखों ही आंखों में हुआ,ताकि मरीजों को पता न लग पाए कि क्या हो रहा है?

आधी रात को ऑक्सीजन की कमी आ गई शा.माधवनगर में

क्या है इसके पिछे का राज

एक प्रभावशाली सरकारी अफसर हैं। उन्होने गत वर्ष किसी के चहेते होने के नाते इंदौर की पार्टी को ऑक्सीजन के सिलेण्डर सप्लाय करने का ठेका दे दिया था। पूरे वर्ष इस बात के आरोप लगते रहे कि समय पर डिलेव्हरी नहीं होती है। इसी का नतीजा रहा था कि एक दिन सुबह के समय ऑक्सीजन के अभाव में मरीजों की मौते हुई ओर कथित तोर पर लीपापोती कर दी गई। स्टॉफ के अनुसार उज्जैन में भी है ऑक्सीजन के सिलेण्डर सप्लाय करनेवाले। लेकिन कहने के बावजूद दूसरे शहर से बुलवाए जाते हैं। हालांकि सभी संबंधित अधिकारी का नाम लेने से कतराते हैं किंतु सभी का कहना है कि अब वे अधिकारी तो इस हॉस्पिटल से सीधा संबंध रखते नहीं,फिर क्यों उनका लिहाज करके मरीजों के
स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरती जा रही है?

इनका कहना है

हॉस्पिटल प्रभारी डॉ.भोजराज शर्मा के अनुसार बीती रात इसप्रकार के हालात बन गए थे। हमने इंदौर फोन करके नाराजगी व्यक्त की ओर उसके बाद सिलेण्डर आए। ऑक्सीजन सिलेण्डर की खपत इस माह गत माहों की अपेक्षा 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई है। स्टॉफ द्वारा खपत के अनुसार डिमांड भेज दी जाती है। सप्लाय में देरी होती है। इसके लिए बड़े अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है। हम तो केवल आवश्यकता बता सकते हैं।

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