उज्जैन : लोग बोले-नदी से पानी कम नहीं करना था, बेरिकेट्स लगाना थे

काई से फिसलन बढ़ी, फिसलकर हो रहे लोग घायल, कल होगा पर्व स्नान

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उज्जैन। शिप्रा नदी में डुबने से लगातार मौतें हो रही हैं। इसे रोकने के लिए नदी का पानी कम किया गया है। लेकिन इससे घाट और सीढिय़ों पर काई होने से फिसलन बढ़ गई है और कल से ही लोग घायल हो रहे हैं। घाट पर मौजूद पंडों व लोगों का कहना है कि नदी से पानी कम करने के बजाय यहां पर बेरिकेट लगा देना था। इससे लोग नहाने के लिए आगे नहीं जा पाते और काई से फिसलते भी नहीं।

सोमवार को कलेक्टर आशीषसिंह और एसपी सत्येंद्रकुमार शुक्ल ने शिप्रा नदी क्षेत्र का निरीक्षण किया था। इस दौरान तीन फीट पानी कम करने के निर्देश दिए गए थे। मंगलवार को नदी का लेवल ४ फीट कम कर दिया गया। इससे घाट और सीढिय़ों पर काई से फिसलन बढ़ गई और लोग गिरकर घायल हो रहे हैं। कल गंगा दशहरा पर्व है और बड़ी संख्या में लोग स्नान करने के साथ ही यहां घाट पर होने वाले आयोजन में भी शामिल होंगे। ऐसे में सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम करना होंगे।

नगर निगम कर्मचारी कर रहे सफाई-निगम के कर्मचारी कल से ही घाटों पर सफाई कर रहे हैं। इसके साथ ही ब्रश से घाट और सीढिय़ों को भी रगड़ा जा रहा है ताकि काई को हटाया जा सके। नदी से कचरा भी निकाला। कल गंगा दशहरा पर चुनरी अर्पण सहित अन्य धार्मिक आयोजन शिप्रा तट पर होंगे।

इसलिए लोग डूब रहे थे

यह दत्त अखाड़ा घाट का वह स्थान है, जहां पर स्नान के दौरान हादसे हो रहे थे। पानी ४ फीट कम होने के बाद यह जगह साफ दिखाई दे रही है। यहां से नहाने वाला सीधे गहरे पानी में चला जाता था और डूब जाता था। अब यहां पर अतिरिक्त सुरक्षा बरती जा रही हैं।

निजी गोताखोर तैनात किए जाने चाहिए

होमगार्ड जवानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है और उन्हें गोताखोरी भी सिखाई जा रही हैं। लेकिन अक्सर हादसे के दौरान निजी गोताखोरों की सेवा ही ली जाती है। यदि होमगार्ड के साथ ही इन्हें घाटों पर तैनात किए जाएं तो हादसों में कमी आएगी।

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