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उज्जैन : सूदखोरों का फैला जाल, कर्ज से दबे लोग दे रहे जान

अक्षरविश्व प्रतिनिधि.उज्जैन। शहर में सूदखोरों का आतंक नया नहीं है। कुछ समय के अंतराल में लोग जब कर्जदारों से परेशान होकर आत्महत्या करते हैं, सुसाइड नोट में कर्जदार का नाम लिखा होता है तो पुलिस नींद से जागकर एक दो लोगों पर कार्रवाई करने के बाद भूल जाती है और मामला भी शांत हो जाता है, लेकिन शहर में फैजे सूदखोरों के जाल को अब तक कोई भी आईपीएस खत्म नहीं कर पाया है। यही कारण है कि पिछले 15 दिनों में ही 4 लोगों ने सुसाइड नोट में कर्जदारों का नाम लिखकर मौत को गले लगा लिया और पुलिस द्वारा जांच की बात कही जा रही है।

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ना जेवर ना जमीन सिर्फ कोरे चेक लेकर देते हैं हजारों की उधारी

ब्याज काटकर देते हैं उधार

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सूदखोरों की खासियत यह है कि यदि किसी व्यक्ति को 5 हजार रुपए की जरूरत है और वह मजबूरी में 10 प्रतिशत ब्याज पर रुपए उधार लेता है तो सूदखोर 500 रुपए तुरंत ब्याज काटकर हस्ताक्षर किये हुए दो चेक लेने के बाद उस व्यक्ति को 4500 रुपए उपलब्ध करा देते हैं। यदि प्रतिमाह ब्याज की राशि का समय गुजर जाये तो अगली किश्त में ब्याज की राशि पर भी ब्याज देना होता है।

वसूली नहीं होने पर चैक बाउंस की धमकी

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मनमानी ब्याज दर पर सूदखोरी करने वालों को उधार दी राशि को वापस लेने की कोई चिंता नहीं होती, क्योंकि उनके पास उधार लेने वाले व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षर किये चेक गिरवी के तौर पर रखे होते हैं। यदि कोई व्यक्ति रुपए लौटाने में आनाकानी करता है या रुपए नहीं लौटाता तो उसके चेक में मनमानी राशि भरकर बैंक से बाउंस कराने की धमकी दी जाती है, क्योंकि दो या तीन बार चैक जब बैंक से बाउंस होता है तो फिा चेक देने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसी डर से कर्जा लेने वाला व्यक्ति न तो कभी थाने में शिकायत करता है और न ही रुपए लौटाने में आनाकानी या इंकार करता है।

आफिसों से लेकर सराय तक फैले हैं सूदखोर…

मुसीबत, परेशानी और व्यापार व्यवसाय के लिये लोगों को मजबूरी में कर्ज लेना पड़ता है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपनी नशे व जुएं सट्टे की लत पूरी करने के लिये सूदखोरों की शरण में जाते हैं। ऐसे लोग सरकारी ऑफिसों से लेकर सराय तक फैले हैं। सूदखोर कर्जा लेने वाले की मजबूरी और जरूरत को ध्यान में रखकर ब्याज का प्रतिशत तय करते हैं। यदि किसी को तुरंत रुपयों की जरूरत है तो 5 से 10 प्रतिशत में एक हजार से एक लाख और इससे अधिक राशि सिर्फ हस्ताक्षर किये हुए चेक पर मिल जाएंगे और यदि मजबूरी में फांस व्यक्ति इनके चंगुल में फंस जाये तो फिर ब्याज का प्रतिशत 10 से 30 प्रतिशत तक हो सकता है।

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