बेटी का आरोप: रेमडेसिविर इंजेक्शन 15 से 25 हजार में खरीदे
परिजनों ने कहा-अस्पताल प्रशासन कोरोना निगेटिव की रिपोर्ट दे रहा…धरने पर बैठे…
उज्जैन। सेल्सटैक्स विभाग की महिला कर्मचारी पिछले दिनों कोरोना से संक्रमित होकर माधव नगर अस्पताल में उपचार के लिये भर्ती हुई थीं। 6 दिनों तक उपचार चला और रात में उनकी मृत्यु हो गई। अस्पताल प्रशासन द्वारा परिजनों को कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट के साथ शव सुपुर्द किया जा रहा था। इस पर परिजन आक्रोशित हो गये। उनका कहना था कि जब कोरोना संक्रमण के कारण मरीज की मृत्यु हुई है तो निगेटिव रिपोर्ट क्यों दे रहे हैं। उन्होंने अस्पताल के मेनगेट पर बैठकर धरना शुरू कर दिया।
कृष्णाबाई पति देवराज निवासी देसाई नगर सेल्सटैक्स विभाग में कार्यरत थीं। उनकी बेटी संजना वासेन ने बताया कि मम्मी को 14 अप्रैल को माधव नगर अस्पताल में उपचार के लिये भर्ती कराया था। डॉक्टर के कहने पर रेमडेसिविर इंजेक्शन भी अरेंज किये। कुल 7 इंजेक्शन लग चुके थे। रात 11 बजे तक मां अच्छे से बात कर रही थीं। फिर अचानक उनकी तबियत बिगड़ी। उन्हें आईसीयू वार्ड में भर्ती किया। कुछ देर बाद उनकी मृत्यु हो गई। इस दौरान अस्पताल स्टाफ ने किसी को उनसे मिलने नहीं दिया। सुबह परिजन शव लेने अस्पताल पहुंचे तो यहां अस्पताल प्रशासन द्वारा शव के साथ कोरोना निगेटिव रिपोर्ट बनाकर दी जा रही थी। इसी को लेकर परिजन आक्रोशित हो गये और अस्पताल के गेट पर धरना देकर बैठ गये। सूचना मिलने पर माधव नगर थाना प्रभारी मनीष लोधा पहुंचे। उन्होंने आक्रोशित लोगों से चर्चा के बाद अस्पताल प्रशासन से बात की। इस दौरान सीएसपी भी पहुंच गईं।
एक लाख रूपए के इंजेक्शन खरीदकर कर दिए, फिर भी मौत
कृष्णाबाई की दूसरी बेटी अंजू वासेन ने बताया कि जब मम्मी अस्पताल में भर्ती थीं तो माधव नगर अस्पताल के आसपास स्थित मेडिकल स्टोर्स से ब्लैक में 15 से 25 हजार रुपये देकर रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदे थे। करीब एक लाख रुपये के इंजेक्शन खरीदकर समय पर डॉक्टरों को दिये इसके बावजूद मां का निधन हो गया।
मेरी मौसी मरी है…और तुमको नाटक लग रहा है…
माधव नगर अस्पताल में शव देने में देरी से भड़के परिजन, पुलिस ने संभाली स्थिति….
उज्जैन। सुबह नागदा के कोरोना संक्रमित मरीज की माधव नगर अस्पताल में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। इसकी जानकारी परिजनों को लगी तो वह शव लेने अस्पताल पहुंचे। यहां स्टाफ द्वारा शव देने में लेट किया तो परिजन भड़क कर हंगामा करने लगे। इनमें से एक युवक रोते हुए चिल्ला रहा था मेरी मौसी मरी है और तुमको नाटक लग रहा है। माधव नगर पुलिस ने तुरंत यहां पहुंचकर स्थिति को संभाला।
माधव नगर अस्पताल के बाहर कुछ युवक बिलख बिलखकर रो रहे थे और एक दूसरे को ढंाढस बंधा रहे थे। एक युवक आक्रोशित होकर चिल्ला रहा था मेरी मौसी मरी है तुम शव देने में देरी कर रहे हो। बातचीत करने अस्पताल में जा रहे हैं तो स्टाफ के लोग कहते हैं नाटक मत करो। यही युवक शोर मचाता हुआ अस्पताल में घुसा और पत्थर उठाकर खिड़कियों के कांच फोडऩे की कोशिश करने लगा। तभी माधव नगर पुलिस अधिकारी और जवानों ने उसे पकड़ लिया। खींचतान में स्थिति और बिगड़ गई। गुस्साये युवक को पुलिस ने बड़ी मुश्किल से काबू में किया और अस्पताल परिसर के बाहर किया।