उज्जैन से रेमडेसीवर इंजेक्शन गायब

By AV NEWS

होलसेलरों ने ज्यादा दाम के चक्कर में इंदौर भेजे…

कलेक्टर के अच्छे प्रयास को काला बाजार व्यापारी घोलकर पी गए…

उज्जैन। कोरोना वायरस के मरीज को संक्रमण का प्रतिशत फेफड़ों में बढऩे पर डॉक्टर द्वारा रेमडेसीवर इंजेक्शन प्रिस्काइब किया जा रहा है। यह इंजेक्शन दो दिन से शहर के किसी भी मेडिकल स्टोर्स पर नहीं मिल रहा है।क्योंकि होलसेल व्यापारियों ने इंजेक्शन को इंदौर भेज दिया है। ताकि उन्हें वहां अधिक दाम मिल सकें। जबकि उज्जैन में कलेक्टर आशीष सिंह ने इंजेक्शन की कीमत 2500 रुपए तय कर दी है। इंदौर में अभी तक दाम तय नहीं है।

जान बचाने के लिए कीमत देने को तैयार
कोरोना संक्रमण के बाद लोगों में इतनी दहशत है कि रिपोर्ट पॉजीटिव आते ही मरीज के परिजन उक्त इंजेक्शन बाजार में ढूंढने निकल पड़ते हैं ताकि डॉक्टर जैसे ही इंजेक्शन का कहे,वे लाकर दे दें और उनके परिजन की जान बच जाए। परन्तु बाजार में इंजेक्शन नहीं मिलता है। तब डॉक्टर अपने परिचित मेडिकल से लेने की सलाह देते हैं, जहां मनमाने दाम पर इंजेक्शन मिलता है। या वार्ड ब्वाय पैसा लेकर अधिक कीमत पर इंजेक्शन लाकर देते हैं। वह मेडिकल स्टोर्स और अपना कमीशन भी लेते हैं।

यह है अंदर की बात : सूत्रों का दावा है कि उक्त इंजेक्शन अभी छिटपुट रूप में बाजार में अधिक दाम पर बिक रहा है। चूंकि मेडिकल स्टोर्सवाले अधिक दाम पर इसे बेचने के लिए खरीदकर लाए थे,अत: कम दाम पर बेचने से रहे। इसीलिए उन्होने बाजार से माल उठा लिया। अब वे ऐसे लोगों को दे रहे हैं जोकि बहुत ही नजदीकी हैं।

उज्जैन में 8-10 होलसेलर : बताया जाता है कि रेमेडीसीवर इंजेक्शन का होलसेल कारोबार कुछ ही विक्रेता करते हैं। उज्जैन में रेट तय होते ही उन्होंने इसे बाजार से गायब कर दिया है। इससे इंजेक्शन की कमी हो गई है। चूंकि रेमेडीसीवर इंजेक्शन जीवन रक्षक औषधि की श्रेणी में आ गया है। इसलिए इसका रिकॉर्ड भी रखना अनिवार्य है। अगर प्रशासन जांच करते तो पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी।

मरीज ज्यादा आने से रेमेडीसीवर इंजेक्शन की कमी हो गई है। एक -दो दिन में स्टॉक आने से समस्या दूर हो जाएगी।-राधेश्याम त्रिपाठी, उज्जैन होलसेल दवा व्यापारी संघ अध्यक्ष

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