भक्तों को इंतजार…दो साल बाद परंपरागत मार्ग से राजा महाकाल का नगर भ्रमण…
उज्जैन।दो साल बाद बाबा महाकाल की सवारी परंपरागत मार्ग से निकलेगी। सवारी को लेकर भक्तों में खासा उत्साह है। वहीं मंदिर समिति द्वारा भी तैयारियां की जा रही हैं। पहली सवारी से ही लाखों भक्तों के देशभर से आने की उम्मीद हैं।
14 जुलाई से श्रावण मास की शुरुआत हो रही हैं। देश-विदेश से लाखों भक्त बाबा के दर्शन के लिए आएंगे। इसके लिए मंदिर समिति सहित प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा भी तैयारियों के मद्देनजर लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। पिछले दिनों कलेक्टर आशीषसिंह और एसपी सत्येंद्रकुमार शुक्ला सहित निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता ने निरीक्षण किया था। बाबा रजत पालकी में सवार होकर अपने भक्तों को दर्शन देंगे। 18 जुलाई को पहली सवारी निकलेगी।
इस मार्ग से निकलेगी सवारी…भगवान श्री महाकाल की पालकी सभा मंडप में पूजन के बाद शहनाई गेट के रास्ते से बाहर निकलेगी। यहां से महाकाल घाटी, गुदरी चौराहा, कहारवाड़ी होते हुए शिप्रा तट रामघाट पहुंचेगी।
इसके बाद सवारी पुन: यहां से निकलेगी और रामानुजकोट, कार्तिक चौक, जगदीश मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौक होते हुए गोपाल मंदिर पहुंचेगी। यहां से सवारी पटनी बाजार और गुदरी चौराहा होते हुए पुन: मंदिर पहुंचेगी। श्रावण-भादौ मास की पांच सवारी तक इसी मार्ग से सवारी निकलेगी।
श्रावण और भादौ मास में इस बार बाबा महाकाल की कुल छह सवारियां निकलेगी।
पहली सवारी 18 जुलाई 2022
दूसरी सवारी 25 जुलाई 2022
तीसरी सवारी 1 अगस्त 2022
चौथी सवारी 8 अगस्त 2022
पांचवीं सवारी 15 अगस्त 2022
शाही सवारी 22 अगस्त 2022
शाही सवारी मार्ग : शाही सवारी का मार्ग करीब 7 किलोमीटर लंबा रहेगा। शाही सवारी ढाबा रोड से मिर्जानईम मार्ग, तेलीवाड़ा चौराहा, कंठाल चौराहा, सतीगेट, गोपाल मंंदिर, पटनी बाजार होकर महाकाल मंंदिर पहुंचेगी। सवारी मार्ग पर जगह-जगह मंच लगाकर स्वागत किया जाता है। सवारी को देखने के लिए देशभर से लाखों लोग आते हैं। साथ ही इसमें झांकियां, बैंड आदि भी शामिल रहते हैं।