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उज्जैन:50 सिटी बसों में से केवल 19 ही सड़क पर चलने की स्थिति में, सभी डिपो में खड़ी

उज्जैन। लंबे समय से थमी निगम की सिटी बसें जल्द ही सवारी लेकर सड़कों पर दौड़ती नजर आएंगी। हालांकि निर्धारित रूटों पर बसों की संख्या पहले के मुकाबले कम रहेगी। इधर जारी टेंडर में भी कई गड़बडिय़ां सामने आ रही है।शहरवासियों की मांगों को लेकर स्थिति साफ होते ही सिटी बसों को दोबारा हरी झंडी मिलेगी। टेंडर को लेकर निर्णय समिति की स्वीकृति के बाद संभवत: अगले 15 दिनों के भीतर कुछ रूटों पर बसों का संचालन शुरू हो सकता है।

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रेट को लेकर फंसा है निर्णय उज्जैन सिटी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के डीजीएम विजय गोयल ने बताया कि बसों का पुन: संचालन शुरू करने में किराए का पेच फंसा हुआ है। वर्तमान में जारी टेंडर में दो कंपनियों ने भाग लिया था, जिसमें से एक को तकनीकी गड़बड़ी के कारण बाहर कर दिया गया है। बची शेष कंपनी का टेंडर खोला गया है, लेकिन अंतिम निर्णय के बाद ही उसे स्वीकृति दी जाएगी।

बसें चलेंगी पर पहले के मुकाबले कम: बसों का संचालन यदि शुरू भी हो गया तो निर्धारित रूटों पर पहले के मुकाबले 40 फीसदी बसें ही चलेंगी। यानी जिस रूट पर 15 से 20 बसें चलती थीं उस रूट पर 12 बसें ही संचालित की जाएंगी। क्योंकि डिपो में खड़ी 50 बसों में से केवल 19 बसे ही चलने की स्थिति में है। जिनका भी मेंटेनेंस अभी बाकी है। सिटी बसों का संचालन यदि शुरू होता है तो तपोभूमि से कालिदेहमहल तक 2 बसे, इंजीनियर कॉलेज से आरडी गार्डी तक 2 बसे, देवस गेट से नानाखेड़ा 3 बसें, छत्री चोक से अभिलाषा 2 बसें संचालित की जाएगी। इसी प्रकार 12 से 13 बसों का संचालन उज्जैन से उपनगरीय मार्ग पर किया जाएगा। जिसमे उज्जैन से अगर, उज्जैन से महिदपुर, उज्जैन से तराना, उज्जैन से फतिहाबाद, उज्जैन से महिदपुर, उज्जैन से बडऩगर, उज्जैन से आलोट आदि उपनगरीय मार्गों पर 2-2 बसें चलाने की प्लानिंग है। जिससे इस रूट के यात्रियों को काफी हद तक राहत मिलेगी। क्योंकि कोरोना संक्रमण के चलते ट्रेनों का संचालन अभी भी बंद हैं।

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50 बसों में केवल 19 ही चालू

उज्जैन मक्सी रोड डिपो पर खड़ी 50 सिटी बसों में से केवल 19 बसों के ही चालू कंडीशन में है, वहीं उन्हीं बसों के परमिट है। यूसीटीएसएल के डीजीएम विजय गोयल से मिली जानकारी के अनुसार टेंडर के प्रथम चरण में चलाई जाने वाली 25 बसों में से केवल 19 बसों के ही परमिट निगम के पास है। शेष बाकी बसों के परमिट भी जल्द करवा दिए जाएंगे। वहीं बसों के मेंटेनेंस का काम चल रहा है। जिसमें लगभग प्रति बस एक से डेढ़ लाख का खर्चा आ रहा है।

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इनका कहना है

कोशिश है कि अचार सहिता के पहले ही टेंडर को स्वीकार कर अनुमति प्रदान की जाए, ताकि सिटी बसों का संचालन क्रमबद्ध तरीके से शुरू किया जा सके।

– आरपी मिश्रा,अपरआयुक्त

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