Advertisement

उम्र के बंधन से नौवीं कक्षा में विद्यार्थियों का नामांकन अटका

माध्यमिक शिक्षा मंडल नए नियम से बाधक, उपजी विसंगति

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) का एक नया नियम नौवीं कक्षा में नामांकन के लिए हजारों विद्यार्थियों की राह में बाधक बन गया है। माशिमं की प्रवेश नीति में विरोधाभास से इन विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर है। माशिमं के इसी साल लागू किए गए नियमों से ये विद्यार्थी परेशान है।

दरअसल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत मप्र स्कूल शिक्षा विभाग ने इस वर्ष से पहली कक्षा में बच्चे के प्रवेश की न्यूनतम आयु पांच वर्ष कर दी है। इसके अनुसार माशिमं ने भी इसी साल से नौवीं के नामांकन में न्यूनतम आयु 13 साल कर दी है, जबकि कई विद्यार्थी शासकीय स्कूलों में आठवीं तक निरंतर पढ़ते हुए वर्तमान में 12 साल उम्र तक के भी है। मंडल 31 दिसंबर 2010 के बाद के जन्म लेने वाले विद्यार्थियों का नौवीं में नामांकन नहीं कर रहा है। इससे हजारों की संख्या में विद्यार्थियों का अभी तक नामांकन नहीं हो पाया है, जबकि नामांकन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर तक निर्धारित की गई है।

Advertisement

इस तरह हो रहे हैं परेशानी

मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव को शासकीय कन्या उमावि निवाली जिला बड़वानी सहित कई प्राचार्यों ने पत्र भेजे। जिसमें लिखा है कि स्कूल के नौवीं में उन विद्यार्थियों का नामांकन नहीं हो पा रहा है, जिनकी जन्मतिथि 31 दिसंबर 2010 के बाद की है। इस वजह से स्कूल की आठ छात्राओं का नामांकन नहीं हो पाया है, जबकि सभी छात्राएं नौवीं में निरंतर अध्ययनरत है। राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल द्वारा उन्हें आठवीं बोर्ड परीक्षा की अंकसूची भी जारी कर दी गई है।

Advertisement

मप्र स्कूल शिक्षा विभाग प्रारंभिक कक्षा के नाम पर बच्चों को 3 से 5 साल की उम्र में आंगनबाड़ी में प्रवेश दिलाता है। इसके बाद विद्यार्थी चार या पांच साल की उम्र में पहली कक्षा में प्रवेश लेते है। आठवीं पास करने के बाद विद्यार्थियों की उम्र 12 या 13 साल के आसपास होती है।

राज्य शिक्षा केंद्र ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पहलीं में प्रवेश की न्यूनतम आयु इस वर्ष से पांच साल कर दी है। इससे आठवीं पास होने तक विद्यार्थी 13 साल की उम्र का होगा, लेकिन यह नियम इसी साल से लागू हुआ है। जिन विद्यार्थियों ने आठ साल पहले प्रवेश लिया, उनके लिए भी मंडल ने यह नियम लागू कर दिया। जिससे हजारों की संख्या में ऐसे विद्यार्थियों का नामांकन नहीं हो पा रहा है, जिनकी उम्र 13 साल से कम है।

Related Articles