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कड़ाके की सर्दी में PHE और जल संसाधन विभाग के अफसरों के छूटे पसीने

कान्ह के दूषित पानी को शिप्रा में मिलने से रोकने में आ रही है अनेक बाधाएं…

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:शासन के निर्देशों के बावजूद जल संसाधन और पीएचई विभाग के अफसर कान्ह का दूषित पानी शिप्रा नदी में रोकने और रामघाट तक नर्मदा का स्वच्छ पानी भरने के प्रयासों में कामयाब नहीं हो पाये हैं। राघोपिपल्या, रामवासा की ओर से कान्ह का दूषित पानी तेजी से त्रिवेणी की तरफ आ रहा है इस कारण यहां मिट्टी का दूसरा स्टापडेम बनाना संभव नहीं है, वहीं पाइप लाइन के माध्यम से नर्मदा का स्वच्छ पानी भी शिप्रा में आ रहा है। अब मकर संक्रांति पर शिप्रा नदी में श्रद्धालुओं को नर्मदा के स्वच्छ पानी में कैसे स्नान कराएंगे इसकी योजना बनाने में अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं।

कलेक्टर ने मंगलवार को त्रिवेणी से लेकर गऊघाट पाले तक शिप्रा नदी का दौरा करते हुए जल संसाधन व पीएचई विभाग के अफसरों को नर्मदा का स्वच्छ पानी शिप्रा नदी में स्टोर करने और कान्ह के दूषित पानी को शिप्रा नदी में मिलने से रोकने को लेकर आदेश दिये थे।

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सोमवार देर रात त्रिवेणी पर बनाया जा रहा मिट्टी का स्टापडेम पानी के दबाव से बह गया था। इस पानी को फिलहाल त्रिवेणी स्टापडेम पर रोका गया है और इसके आगे नर्मदा का पानी पाइप लाइन के माध्यम से शिप्रा नदी में मिलाया जा रहा है। यही पानी गऊघाट, भूखी माता स्टापडेम होते हुए नृसिंहघाट से रामघाट की ओर बहाया जा रहा हे। अफसरों का तर्क है कि पूर्व से शिप्रा में स्टोर कान्ह के पानी को आगे बहाने के साथ ही बुधवार तक बड़े पुल के पास स्थित स्टापडेम के गेट बंद कर नर्मदा के साफ पानी को पर्व स्नान के लिये स्टोर किया जाएगा। हालांकि इसमें कान्ह का दूषित पानी भी मिला रहेगा लेकिन समय की कमी के चलते रामघाट, सुनहरी घाट, नृसिंहघाट तक अधिक से अधिक मात्रा में पानी स्टोर करने की योजना है।

त्रिवेणी ओवरफ्लो हुआ तो फिर दूषित होगा पानी

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कान्ह का दूषित पानी त्रिवेणी स्टापडेम पर रोका गया है, जबकि यहां प्रस्तावित मिट्टी का स्टापडेम वर्तमान में बन पाना असंभव लगता है ऐसे में पीछे से आ रहे दूषित पानी के दबाव के बाद एक-दो दिनों में संभवत: यह पानी त्रिवेणी स्टापडेम से ओवरफ्लो होकर गऊघाट की ओर बहने लगेगा और त्रिवेणी से गऊघाट तक स्टोर होने वाला नर्मदा का स्वच्छ पानी फिर से दूषित हो जायेगा।

मिट्टी का स्टापडेम बनाना है तो पानी रोकना जरूरी

कान्ह पर मिट्टी का स्टापडेम बनाना है तो रामवासा और राघोपिपल्या की ओर से तेजी से आ रहे दूषित पानी को रोकना बहुत जरूरी है। हालांकि कान्ह डायवर्शन लाइन का पूरी क्षमता से उपयोग नहीं होने के चलते जल संसाधन विभाग उक्त मिट्टी के स्टापडेम को मकर संक्रांति के पूर्व बना पायेगा इसमें संदेह है और अब नर्मदा व कान्ह के मिक्स पानी में ही श्रद्धालुओं को मकर संक्रांति पर पर्व स्नान करना होगा।

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