कांग्रेस में पहली सूची के लिए अंतिम मंथन

लगातार हारने वाली 66 सीट के उम्मीदवार सबसे पहले
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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन कांग्रेस द्वारा विधानसभा की पहली सूची के लिए अंतिम मंथन हो गया है। एक-दो दिन में स्क्रीनिंग कमेटी की दिल्ली में बैठक है। इसके बाद पहली सूची जारी हो सकती है। इसमें उन सीटों के प्रत्याशी के नाम तय हो सकते हंै, जिन पर कांग्रेस पिछले कई चुनावों से हार का सामना कर रही है।
मप्र विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा 79 प्रत्याशियों की सूची जारी करने के बाद अब कांग्रेस ने भी पहली सूची घोषित करने की तैयारी कर ली है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित वरिष्ठ नेताओं ने विधायक और लगातार हारने वाली 66 सीटों के प्रत्याशियों के नामों पर विचार किया। सूत्रों का कहना है कि स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में केंद्रीय चुनाव समिति को भेजने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। पांच अक्टूबर के बाद पार्टी सौ से अधिक प्रत्याशियों की पहली सूची घोषित कर सकती है।
इनमें अधिकांश वे सीट है,जहां पार्टी पिछले तीन चुनाव से लगातार हार रही है। सूत्रों का कहना है कि पहली सूची में विधायकों के साथ लगातार हारने वाली सीटों के प्रत्याशी घोषित किए जा सकते हैं। बता दें कि उज्जैन जिले की तीन सीट,उज्जैन उत्तर,उज्जैन दक्षिण और महिदपुर सीट कांग्रेस लगातार हार रही है। पहली सूची में इन तीनों सीट के उम्मीदवारों के नाम हो सकते है। सूत्रों का यह भी कहना है कि पहली सूची में लगातार हारने वाली सीटों के प्रत्याशी के साथ ही कुछ वर्तमान विधायक के नाम भी घोषित किए जा सकते हैं।
सर्वे रिपोर्ट, संगठन फीडबैक के आधार पर विचार 
कांग्रेस की प्रत्याशियों के नाम पर विचार करने के लिए 11, 12 और 13 सितंबर को दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की पहली बैठक हुई थी।इसके पहले कमेटी के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला सहित वरिष्ठ नेताओं ने जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी, प्रदेश पदाधिकारी, ब्लाक अध्यक्ष और चुनाव समिति के सदस्यों से प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा की थी।सर्वे रिपोर्ट और संगठन के फीडबैक के आधार पर पहले उन सीटों के प्रत्याशियों के नाम पर विचार किया गया, जहां अभी पार्टी के विधायक हैं। इसके साथ ही 66 उन सीटों पर भी विचार किया गया था,जो पार्टी लगातार हार रही है। मप्र की 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 95 विधायक हैं।
भाजपा की अगली सूची में भी हो सकते हैं चौंकाने वाले नाम
सर्वे और पार्टी के आंतरिक आकलन में जिन विधायकों की स्थिति ठीक नहीं पाई गई है, उनके टिकट खतरे में हैं। भाजपा मध्य प्रदेश की सत्ता में बने रहने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। प्रत्याशियों की तीन सूचियों में जिस तरह से नए चेहरों पर दांव लगाया गया, इस क्रम के आगे भी जारी रहने की संभावना है। साथ ही, सर्वे और पार्टी के आंतरिक आकलन में जिन विधायकों की स्थिति ठीक नहीं पाई गई है, उनके टिकट खतरे में हैं। जातिगत और स्थानीय समीकरणों के हिसाब से उनके टिकट काटे जा सकते हैं। भाजपा सूत्रों के अनुसार विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों की चौथी सूची भी चौंकाने वाली होगी।










