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काशी की तर्ज पर महाकाल के चरणों तक पहुंचेंगे हार-फूल!

उज्जैन महापौर ने किया काशी मंदिर की व्यवस्थाओं का अध्ययन, समिति में रखेंगे प्रस्ताव

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अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन काशी (वाराणसी) के विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर उज्जैन के महाकाल मंदिर में भी व्यवस्थाएं की जाएंगी। भक्तों द्वारा लाए जाने वाले हार_ फूल और पूजन सामग्री ज्योतिर्लिंग तक पहुंचाने के लिए सिस्टम लगाया जाएगा। काशी में दर्शन और विश्वनाथ मंदिर की व्यवस्थाओं का अध्ययन करने के बाद महापौर मुकेश टटवाल यह प्रस्ताव मंदिर प्रबंध समिति के समक्ष रखेंगे।

विश्वनाथ मंदिर की व्यवस्थाओं से महापौर टटवाल बेहद प्रभावित हुए। वे काशी यात्रा से मंगलवार तक वापस उज्जैन आ जाएंगे। उन्होंने बताया विश्वनाथ मंदिर में भी आकर्षक रोशनी की गई है। सबसे अच्छी बात यह कि दर्शनार्थी जो हार फूल और प्रसादी अपने साथ श्रद्धा भाव से लाते हैं, उसे स्टील के एक सिस्टम के माध्यम से गर्भगृह तक पहुंचाई जाती है और पुजारी उनको बाबा विश्वनाथ के स्पर्श कराते हैं। इससे भक्त भले ही गर्भगृह तक नहीं जा पाते, लेकिन उनके हार फूल और प्रसादी बाबा के चरणों तक पहुंच जाती है। इससे दर्शनार्थियों को संतुष्टि मिलती है।

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‘अक्षरविश्व’ से चर्चा में महापौर टटवाल ने कहा यह व्यवस्था महाकाल मंदिर में भी लागू करने का प्रयास किया जाएगा। इसको लेकर वे मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष और कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम से चर्चा करेंगे और मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में प्रस्ताव भी रखेंगे। विदित है कि मंदिर प्रबंध समिति में महापौर की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। महापौर टटवाल के प्रस्ताव पर ही महाकाल मंदिर में स्थानीय दर्शनार्थियों के लिए अवंतिका द्वार की व्यवस्था लागू की गई है।

काशी के महापौर से चर्चा

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महापौर टटवाल ने काशी के महापौर अशोक तिवारी से भी चर्चा की और वहां के विकास और निर्माण कार्यों को जाना। तिवारी ने काशी शहर की सफाई व्यवस्था, मंदिर की व्यवस्था, घाटों की साफ सफाई और निर्माण कार्य की जानकारी दी। काशी विश्वनाथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कराए गए विकास कार्य की भी जानकारी दी।

दोनों मंदिरों के विकास पर एक नजर…

विश्वनाथ मंदिर में भी महाकाल जैसा बनेगा द्वार

महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं से विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन भी प्रभावित है। काशी के मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा की अध्यक्षता में विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन की टीम महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं का अध्ययन करने आई थी। इन व्यवस्थाओं को श्री काशी विश्वनाथ धाम में लागू किया जाएगा। महाकालेश्वर मंदिर में अवंतिका द्वार से स्थानीय लोगों को प्रवेश जैसी व्यवस्था श्री काशी विश्वनाथ धाम में भी लागू करने पर टीम ने मंथन किया था। महाकाल मंदिर में भस्म आरती, दर्शन, वीआईपी लाउंज, सामान्य दर्शन आदि व्यवस्थाओं को भी देखा गया था।

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