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केडी गेट रोड मुद्दा….महापौर करेंगे मंथन, होगा नया फैसला

आज दो अफसरों को बदलने पर बन सकती सहमति

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अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:केडी गेट रोड चौड़ीकरण के अंतर्गत बिजली के पोल लगाने के लिए मकानों की गैलरी तोडऩे के लिए गरमाए मुद्दे को लेकर महापौर मुकेश टटवाल एमआईसी सदस्यों, पार्षदों और निगम अधिकारियों के साथ एक जाजम पर बैठ मंथन करेंगे और समस्याओं के हल निकालेंगे। सूत्रों की मानें तो रोड के प्रभार से दो निगम अधिकारियों को बदलने पर सहमति बन सकती है।

नए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपने पर भी सर्व सम्मति से कोई फैसला होने की संभावना है। केडी गेट से इमली तिराहा तक रोड का चौड़ीकरण किया जा रहा है। इसके लिए बिजली के पोल लगाने का काम अभी चल रहा है। इसके लिए जिन लोगों की गैलरी दायरे में आ रही हैं, उनको तोडऩे की कार्रवाई निगम प्रशासन द्वारा की जा रही है। मंगलवार को निगम के अधिकारियों ने पार्षदों को सूचना दिए बिना ही गैलरी तोडऩे की कार्रवाई करना शुरू कर दी थी। इससे मामले ने तूल पकड़ा और कांग्रेस पार्षद माया त्रिवेदी भी मौके पर पहुंची और कार्रवाई रोकने का श्रेय ले लिया। इससे भाजपा में हलचल मच गई है।

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सूत्रों की मानें तो बुधवार को रोड चौड़ीकरण मामले में कुछ नए फैसले लिए जा सकते हैं। दोपहर 12 बजे फ्रीगंज स्थित ग्रांड होटल में महापौर मुकेश टटवाल, लोक निर्माण समिति के प्रभारी शिवेंद्र तिवारी, राजस्व समिति प्रभारी रजत मेहता, पार्षद हेमंत गेहलोत, गब्बर भाटी, गजेंद्र हिरवे और संबंधित पार्षदों के साथ मंथन करेंगे कि यह समस्या क्यों उत्पन्न हो रही और इसे कैसे दूर किया जा सकता है। इसमें अधिकारियों की भूमिका पर भी बात होगी।

पार्षदों ने दो अधिकारियों की भूमिका को संदेह के कठघरे में खड़ा किया है। इस कारण संभावना है कि एक, दो दिन में निगम की टीम में बदलाव किया जा सकता है। निगम आयुक्त रौशनसिंह चौहान अभी शहर से बाहर हैं, लेकिन वे भी पूरे मामले पर नजरें जमाए हुए हैं। मंगलवार रात को ही काशी यात्रा से आने के तुरंत बाद महपौर ने इस मामले को गंभीरता से लेकर पार्टी के एमआईसी सदस्य और पार्षदों से चर्चा कर विवाद की नब्ज टटोली।

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रोड का अलाइनमेंट एक समान नहीं

रोड का अलाइनमेंट आज भी एक जैसा नहीं हो सका है। इसको लेकर परिवारों और पार्षदों में नाराजी है। इससे आने वाले समय में वाहन चालकों को परेशानियां आ सकती हैं। इसको लेकर निगम प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को शहर हित में निर्णय लेना चाहिए।

दो-दो लाख खर्च कर बनाई नई गेलरियां…

दीपावली के कारण कुछ लोगों ने निगम इंजीनियरों से बात कर करीब दो दो लाख रुपए खर्च कर मकानों के सामने नई गैलरी बनवाकर ठीक करवा लिए। अब निगम के अधिकारी इनको तोडऩे की चेतावनी दे रहे। इससे लोगों का आक्रोश ज्यादा है। पार्षद सपना सांखला के अनुसार नई गैलरी बनने से पहले ही निगम को रोक देना चाहिए था। अब लोग अपना पैसा खर्च कर चुके, तब निगम प्रशासन गैलरी तोडऩे की बात कह रहा। 20 से अधिक परिवारों ने गैलरी बनवाकर मकान दुरुस्त करा लिए। लोगों का कहना है, जिसकी गैलरी दो या ढाई इंच ही आ रही, उसे पूरा तोडऩे की जरूरत नहीं। इसे नपती कर छीलने का निर्देश देना चाहिए था।

इस मकान को लेकर भी उठा विवाद

रोड चौड़ीकरण के तहत राठौर के उस मकान को लेकर विवाद उठा जहां इलेक्ट्रिक पोल लग गए, ब्रैकेट लग गए और तार भी लगाए जा चुके हैं, जो गैलरी से करीब तीन फीट ज्यादा दूर है। लेकिन इसके बाद भी निगम के कुछ इंजीनियर उसे टारगेट बनाकर तोडऩे की कोशिश कर रहे हैं। यह मामला भी महापौर की पार्षदों के साथ चर्चा में सामने आने की संभावना है।

विवाद के मुद्दे

37 मकान ऐसे सामने आए हैं, जिनकी गैलरी तोड़ी जाना हैं।

ऐसे करीब 12 मकान भाजपा पार्षदों के क्षेत्र के हैं।

शेष 30 से अधिक मकान कांग्रेस पार्षदों के क्षेत्र के हैं।

केडी गेट क्षेत्र के करीब 35 मकान ऐसे हैं, जहां अभी बिजली के पोल ही नहीं लगे।

मकान के बाहर ढाई फीट गैलरी छोड़कर ब्रेकैट लगाने के बाद पोल लगाए जाने पर सहमति
बनी थी।

चौड़ीकरण के दायरे में जो गैलरी नहीं आ रही, उनको भी टारगेट बनाकर तोडऩे का आरोप।

लालबाई फूलबाई चौराहे पर एक धर्मशाला और एक कांग्रेस नेता के रिश्तेदार के मकान को चौड़ीकरण से बचाने का मामला भी उठने की संभावना।

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