केरल के मंदिर में गैर-हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित

दूसरे धर्मों के कलाकार हुनर दिखा सकें इसलिए परिसर के बाहर बन रहा ऑडिटोरियम
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त्रिशुर। गैर-हिन्दू भरतनाट्यम कलाकार को मंदिर प्रांगण के स्टेज पर अपनी कला का प्रदर्शन न करने देने पर केरल का कूडलमानिक्यम मंदिर पिछले साल अप्रैल में विवादों में आ गया था। त्रिशुर में इरिंजालाकुडा में यह भगवान राम के भाई भरत का देश में इकलौता मंदिर है। यह मंदिर नलंबलम मंदिर समूह का एक हिस्सा है।
कूडलमानिक्यम देवास्वम के चेयरमैन कहते हैं- 11 सौ साल पुरानी परंपरा को कायम रखने के लिए भरतनाट्यम कलाकार मनसिया श्याम कल्याण को मंदिर में आने की इजाजत नहीं दी थी, क्योंकि स्टेज मंदिर प्रांगण में ही था, लेकिन अब हम मंदिर प्रांगण के बाहर एक स्टेज और उसके साथ लगा हुआ ऑडिटोरियम तैयार कर रहे हैं, जहां किसी भी धर्म के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर सकेंगे।
अंदर बने मंच पर सिर्फ हिंदू कलाकार ही मंचन कर सकते हैं
उन्होंने कहा, लेकिन मंदिर परिसर के अंदर बने मंच पर सिर्फ हिंदू कलाकार ही मंचन कर सकते हैं। उसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि मंच और ऑडिटोरियम का काम शुरू हो गया है। मई में मंदिर का उत्सव होना है।