चांद पर इस जगह उतरा था Chandrayaan 3

भारत के चंद्रयान-3 मिशन की हर तरफ चर्चा बनी हुई है। चांद की सतह पर सुरक्षित उतरने के बाद चंद्रयान-3 लगातार अपने काम में लगा हुआ है। नई-नई जानकारियां वैज्ञानिकों को मिल रही हैं। वहीं, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इससे संबंधित तस्वीरें भी आए दिन जारी कर रहा है। इस बीच, अमेरिका की अतंरिक्ष एजेंसी नासा ने भी अब एक खास तस्वीर साझा की है।

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27 अगस्त को ली थी तस्वीर

नासा ने चंद्रमा की जिस सतह पर चंद्रयान-3 उतरा रहा था, उस जगह की तस्वीर साझा है। यह तस्वीर चंद्रमा पर ऐतिहासिक लैंडिंग के ठीक चार दिन बाद 27 अगस्त को चांद की कक्षा में घूम रहे नासा के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (एलआरओ) ने खींची थी। बता दें, विक्रम लैंडर 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा पर उतरा था। चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक उतरने वाला पहला अंतरिक्ष यान है।

इसरो भी कर चुका है तस्वीर साझा

इससे पहले, इसरो ने पांच सितंबर को विक्रम लैंडर की 3डी फोटो शेयर की थी। इसरो ने कहा था कि इस तस्वीर को देखने का असली मजा रेड और सियान रंग के 3D ग्लास से आएगा। ये तस्वीर प्रज्ञान रोवर ने लैंडर से 15 मीटर दूर यानी करीब 40 फीट की दूरी से क्लिक की थी।

अब नासा ने की साझा

नासा ने सोशल मीडिया पर कहा कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से लगभग 600 किलोमीटर दूर है। लैंडिंग के चार दिन बाद एलआरओ ने लैंडर का एक तिरछा दृश्य यानी 42 डिग्री स्लीव कोण हासिल किया। साथ ही कहा कि लैंडर के आसपास दिख रही रोशनी लैंडर के धुएं के चांद की मिट्टी के संपर्क में आने से बनी है। नासा ने पांच सितंबर को यह फोटोग्राफ शेयर की है।

इसरो ने 4 सितंबर को विक्रम लैंडर को स्लीप मोड में डाल दिया था। इसके पहले 2 सितंबर को प्रज्ञान रोवर को स्लीप मोड में डाला गया था। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि 22 सितंबर 2023 को फिर से विक्रम लैंडर जाग सकता है। लैंडर ने स्लीप मोड में जाने से पहले पेलोड्स के जरिए चांद पर नई जगहों की जांच-पड़ताल की थी। उसके बाद ही विक्रम लैंडर को सोने का कमांड दिया गया। फिलहाल सारे पेलोड्स बंद हैं। सिर्फ रिसीवर ऑन है, ताकि वह बेंगलुरु से कमांड लेकर फिर से काम कर सके।

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