चार गरीबों के बीच में अपने को धन्ना सेठ समझना गलतफहमी है-आचार्यश्री

By AV NEWS

उज्जैन। बहुत गुमान था छत को छत होने का एक मंजिल और बना दी तो छत भी फर्श हो गया, जब तक ऊंट पहाड़ के नीचे नहीं जाता जब तक ऊंट अपने आप को पहाड़ समझता है तो कहावत है कि अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे। चार गरीबों के बीच में अपने को धन्ना सेठ समझना गलतफहमी है। जरा सी दौलत में हम अपने को शहंशाह समझने लगते हैं। विश्वविजेता कहलाने वाला सिकंदर भी खाली हाथ गया।

गोबर के ऊपर चांदी के वर्क लगाने से गोबर केक नहीं हो जाएगा। यह बात आचार्यश्री प्रज्ञा सागर महाराज ने शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान में प्रवचन में कही। रविवार को 256 अर्ध समर्पित किए गए एवं अतिथियों के रूप में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रतिपक्ष नेता रवि राय, पार्षद माया राजेश त्रिवेदी, तहसीलदार मनीष जैन एवं अन्य अतिथियों का मंदिर ट्रस्ट कमेटी एवं विधान समिति द्वारा सम्मान किया गया।

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