चौथी सूची में उज्जैन से एक ही नाम ,उत्तर, बडऩगर और महिदपुर होल्ड

By AV NEWS

विधानसभा चुनाव: उज्जैन दक्षिण से मोहन यादव प्रत्याशी

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपनी चौथी सूची जारी कर दी है। इसमें उज्जैन की एक ही सीटे शामिल हैं। उज्जैन दक्षिण से मोहन यादव को भाजपा ने एक बार फिर मैदान में उतारा है। इसे मिलाकर जिले की 7 में से 4 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं।

मप्र में बीजेपी की चौथी सूची में अधिकांश उन सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं,जहां पर पहले से ही बीजेपी के विधायक है,लेकिन इस सूची में उज्जैन उत्तर,महिदपुर (वर्तमान में दोनों पर भाजपा विधायक),बडऩगर (वर्तमान में कांग्रेस विधायक) होल्ड को किया गया है। खास बात यह है कि सूची में पार्टी ने कई मंत्रियों और वरिष्ठ विधायकों को जगह दी है,लेकिन पूर्व मंत्री और उज्जैन उत्तर के वरिष्ठ विधायक पारस जैन और महिदपुर के वरिष्ठ विधायक बहादुरसिंह चौहान को अभी होल्ड पर रखा है।

बता दें कि जैन उज्जैन उत्तर से 1990,1993,2003,2008,2013 और 2018में चुनाव जीते है। वही महिदपुर से बहादुरसिंह चौहान 2003,2013 और 2018 का चुनाव जीते है। इससे पहले भाजपा घट्टिया से सतीश मालवीय, तराना से ताराचंद गोयल, नागदा से तेज बहादुर सिंह चौहान को प्रत्याशी घोषित कर चुकी है।

जिले की शेष तीन सीटों के लिए नाम तय नहीं होने के पीछे महत्वपूर्ण कारण दावेदारों की संख्या अधिक होना बताया जा रहा है। उज्जैन उत्तर से जहां तीन से अधिक दावेदार है, वहीं महिदपुर में वर्तमान विधायक को पार्टी के कई नेता चुनौती दे रहे हैं। बडऩगर में जातिगत समीकरण का तालमेल नहीं बैठ पाने से निर्णय होल्ड पर है।

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यादव को तीसरी बार मिला मौका

भाजपा ने उज्जैन दक्षिण से एक बार फिर मोहन यादव पर भरोसा जताया है।

उज्जैन दक्षिण से तीसरी बार चुनाव लडऩे वाले 58 वर्ष वर्षीय मोहन यादव ने बी.एस.सी., एल-एल.बी., एम.ए. (राज.विज्ञान), एम.बी.ए., पी.एच.डी. तक शिक्षा ग्रहण की है।

1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्र संघ के सह-सचिव रहे।

1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री एवं 1986 में विभाग प्रमुख।

1988 में अभा विद्यार्थी परिषद मप्र के प्रदेश सहमंत्री एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री तथा सन 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री।

2013 में विधायक बने। 2018 में दूसरी बार चुनाव जीतकर उच्च शिक्षा मंत्री बने।

अगली लिस्ट सबसे क्रिटिकल होगी….?

टिकट बांटने की तेज शुरुआत कर भाजपा ने कांग्रेस को मनोवैज्ञानिक दबाव बना दिया था। पहली और दूसरी लिस्ट में उन सीटों पर फोकस किया गया, जो हारी हुई थी। इसमें न उम्र का बंधन था, न हार की सीमा..। अब चौथी लिस्ट में मौजूदा विधायकों और मंत्रियों को टिकट देकर भाजपा ने शुरुआती विरोध से उबरकर चुनावी मैदान में सधे कदम से आगे बढ़ रही है। चौथी लिस्ट में कोई रिस्क नही ली है।

पार्टा के जानकारों के मुताबिक तय मानिए भाजपा की आने वाली लिस्ट सबसे क्रिटिकल होगी। पार्टियों के रणनीतिकार अच्छी तरह जानते हैं कि टिकट नहीं मिलने से ज्यादा गुस्सा टिकट कटने पर सामने आता है। आने वाले दिनों में उन क्षेत्र पर की सीट पर निर्णय संभव है,जहां टिकट काटना, बदलना या वर्तमान विधायक पर ही पुनर्विचार करना है। अगली सूची टिकट काटने और सीट बदलने वाली होगी। इसी सूची में मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ से दो मंत्रियों और 16 विधायकों का भविष्य तय होगा। इसमें कुछ भी संभव हो सकता है।

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