जितना लडऩा था लड़ लिए, अब सिर्फ देश के लिए काम करना है

मानसून सत्र: मोदी बोले-विपक्ष ने पीएम का गला घोंटने की कोशिश कीं

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अक्षरविश्व न्यूज . नईदिल्ली मानसून सत्र शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- संसद का मानसून सत्र सावन के पवित्र दिन पर शुरू हो रहा है। उन्होंने कहा- देश बहुत बारीकी से देख रहा है कि संसद का यह सत्र सकारात्मक हो, सृजनात्मक हो और देशवासियों के सपनों को सिद्ध करने के लिए एक मजबूत नींव रखने वाला हो।

तीन सालों में लगातार 8 प्रतिशत ग्रोथ के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। भारत में पॉजिटिव आउटलुक, इन्वेंस्टमेंट और परफॉर्मेंस पीक पर है। यह अपने आप में भारत की विकास यात्रा का अहम पड़ाव है। पीएम ने कहा- जून में नई संसद के गठन के बाद देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने का प्रयास किया गया। मुझे इसका कोई दुख नहीं है। देशवासियों ने हमें यहां देश के लिए भेजा है। दल के लिए नहीं। मेरी विपक्ष से अपील है- लोकसभा चुनाव में जितनी लड़ाई लडऩी थी हमने लड़ ली। जनता को जो बताना था बता लिया, अब वो दौर समाप्त हो गया। अगले 5 साल देश के लिए लडऩा और जूझना है। इधर लोकसभा में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान नीट में गड़बड़ी पर बोल रहे थे। इस दौरान विपक्ष ने हंगामा किया।

हमें देश के लिए भेजा है दल के लिए नहीं

मैं सभी दलों से कहता हूं, जो सांसद पहली बार सदन में आए हैं, उन्हें बोलने का मौका दीजिए। आपने देखा होगा संसद के नई संसद गठन होने के बाद जो पहला सत्र 140 करोड़ देशवासयों ने जिस सरकार को बहुमत के साथ काम करने का हुकुम दिया, उसकी आवाज दबाने का काम किया।

देश को प्रगति की विचारधारा की जरूरत

हमारे सभी माननीय सांसद चर्चा को समृद्ध करेंगे। कितने भी विरुद्ध विचार होंगे। विरुद्ध विचार बुरे नहीं होते, नकारात्मक विचार बुरे होते हैं। देश को प्रगति की विचारधारा की जरूरत है। मैं आशा करता हूं कि हम लोकतंत्र के इस मंदिर का देशवासियों की आशाओं को पूरा करने के लिए उपयोग करेंगे। नकारात्मक राजनीति ने देश की संसद का महत्वपूर्ण समय बर्बाद कियामुझे आज बहुत दुख के साथ कहना है- कुछ सांसद 5 साल के लिए आए। कुछ को 10 साल का मौका मिला। कई को अपने क्षेत्र की बात करने का मौका नहीं मिला।

राहुल गांधी बोले- एग्जामिनेशन सिस्टम बकवास

राहुल गांधी ने कहा- देश को दिख रहा है कि परीक्षा सिस्टम में बहुत सी कमी है। शिक्षा मंत्री ने सबकी कमी गिना दी, लेकिन अपनी नहीं गिनाई। हमारा एग्जाम सिस्टम बकवास है।

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