निगम के पार्षदों का एज्युकेशन एनालिसिस….
‘नगर सरकार’ के ’54 नुमाइंदों में से 25 तो 12th’ पास भी नहीं
उज्जैन।नगर सरकार अस्तित्व में आने वाली है और आपकों यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि नगर की नुमाइंदगी करने वाले 54 पार्षदों में से 24 तो 12 वीं पास भी नहीं है। जो परिषद गठित होने जा रही है, उसमें केवल एक पार्षद अशिक्षित है।
नगर सरकार में प्रतिनिधित्व के लिए शहर के मतदाताओं ने जिन्हें वोट दिया है, उनके एज्युकेशन स्टैंडर्ड (शैक्षणिक योग्यता) की पड़ताल चुनाव के लिए दाखिल नामाकंन-पत्र के आधार पर की गई, तो आश्चर्य में डालने वाली जानकारी मिली है।
सबसे खास बात तो यह कि 54 में से एक भी डॉक्टर-इंजीनियर नहीं है। शहर की जनता ने जिन उम्मीदवारों को आपने वोट देकर पार्षद बनाया, वे कहां तक पढ़े-लिखे हैं, उनकी कमाई का जरिया क्या है। साथ ही किस उम्र के लोग सबसे ज्यादा चुनाव जीते हैं। इसकी जानकारी स्थानीय निर्वाचन कार्यालय में पार्षदों प्रस्तुत नामाकंन पत्रों से मिली है।
एक पार्षद अशिक्षित
चुनाव जीतने वाले में 25 पार्षद 12वीं पास भी नहीं है। 6 पार्षद पोस्ट ग्रेजुएट और 10 पार्षद ग्रेजुएट हैं। 1 पार्षद अशिक्षित है। एक पीएचडी धारक हैं। 8 पार्षद 12वीं पास हैं। 4 सिर्फ साक्षर और थोड़ा-बहुत पढऩा-लिखना जानते हैं।
54 में से 22 व्यापारी
जीतने वाले 54 पार्षदों में से 22 व्यापार करते हैं। वहीं, 14 विजेता गृहिणी हैं। 3-3 पार्षद ठेकेदार और किसान हैं। 4 प्राइवेट नौकरी करते हैं। 1-1 पुरोहित, वकील, पेंशनर, पूर्व पार्षद और मजदूर भी चुनाव जीते हैं।
31 से 50 की उम्र के 36
चुनाव में 31 से 50 साल के बीच के लोग सबसे ज्यादा चुनाव जीते हैं। 31 से 40 साल के बीच के 18 और 41 से 50 साल के बीच के भी 18 लोग चुनाव जीतकर पार्षद बने हैं। 30 साल से कम उम्र के 5 उम्मीदवार चुनाव जीते हैं। वहीं 50 से 60 साल के बीच के 12 लोग चुनाव जीते हैं। 1 पार्षद है,जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है।
महिलाओं का बहुमत
निगम परिषद में पार्षदों की संख्या पुरुषों से ज्यादामहिलाओं की होगी। 54 में से 29 वार्डों में महिलाएं चुनाव जीती हैं। वहीं 25 वार्डों में पुरुष जीते हैं। बता दें कि महिलाओं के लिए आरक्षण 27 वार्डों में था।
अन्य पिछड़ा वर्ग का बोलबाला
चुनाव में सबसे ज्यादा 23 ओबीसी उम्मीदवार जीते हैं। वहीं 19 सामान्य कैटेगरी के प्रत्याशी पार्षद बने हैं। इनके बाद एससी के 11 उम्मीदवार जीते हैं। वहीं सिर्फ 1 एसटी उम्मीदवार ही पार्षद बन सके हैं।