ताउते तूफान के ताडंव के बीच मुंबई से 175 किलोमीटर दूर समुद्र में बार्ज पी-305 पर फंसे 273 लोगों में से 184 को नौसेना के बहादुर जवानों ने बचा लिया गया है। 14 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। जबकि 89 लोग अब भी लापता हैं, जिन्हें बचाने के लिए राहत व तलाश अभियान जारी है। नौसेना ने बुधवार को बयान जारी यह जानकारी दी।
नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि ताउते तूफान के तांडव के बीच मुंबई के समुद्र में फंसे 4 जहाजों पर सवार 713 लोगों में से 620 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। अधिकारी ने बताया कि 713 कर्मियों को ले जा रहे तीन बार्ज और एक ऑयल रिग सोमवार को समुद्र में फंस गए थे। इनमें 273 लोगों को ले जा रहा बार्ज पी305, 137 कर्मियों को ले जा रहा जीएएल कंस्ट्रक्टर और एसएस-3 बजरा शामिल है, जिसमें 196 कर्मी मौजूद थे। साथ ही ‘सागर भूषण’ ऑयल रिग भी समुद्र में फंस गया था, जिसमें 101 कर्मी मौजूद थे। इसमें से बार्ज P305 डूब गया है, जिस पर सवार 89 लोग अभी भी लापता हैं, जिन्हें बचाने के लिए तलाशी अभियान जारी है।
नौसेना की ओर से बुधवार को बताया गया कि बेहद खराब मौसम से जूझते हुए उसके जवानों ने बार्ज पी305 पर मौजूद 273 लोगों में से अब तक 184 को बचा लिया है। वहीं 14 शव भी बरामद किए हैं।नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि बुधवार सुबह तक पी305 पर मौजूद 184 कर्मियों को बचा लिया गया है। आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता इन लोगों को लेकर मुंबई बंदरगाह लौट रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा कि आईएनएस तेग, आईएनएस बेतवा, आईएनएस ब्यास, पी81 विमान और हेलीकॉप्टरों की मदद से लापता लोगों को ढूढ़ने के लिए तलाश एवं बचाव अभियान जारी है। नौसेना ने बताया कि दो अन्य बार्ज तथा एक ऑयल रिग पर मौजूद सभी लोग सुरक्षित हैं। बता दें कि ये बार्ज चक्रवात ताउते के गुजरात तट से टकराने से कुछ घंटे पहले मुंबई के पास अरब सागर में फंस गए थे।
नौसेना और तटरक्षक बल ने बार्ज ‘जीएएल कन्स्ट्रक्टर’ में मौजूद 137 लोगों को मंगलवार तक बचा लिया था। यह कोलबा पॉइंट से 48 नॉटिकल मील उत्तर की ओर फंस गया। यहां बचाव के लिए इमरजेंसी नौका वाटर लिली भेजी गई। इसके अलावा सीजीएस, सम्राट भी यहां मदद के लिए पहुंचे।
पिवाव पोर्ट से 50 नॉटिकल मील दक्षिण-पूर्व में सागर भूषण पर 101 लोग और बार्ज एसएस-3 पर 196 लोग फंसे गए थे। अधिकारियों ने बताया कि बार्ज एसएस-3 पर मौजूद 196 लोग और ऑयल रिग सागर भूषण पर मौजूद 101 लोग सुरक्षित हैं।ओएनजीसी तथा एससीआई के पोतों के जरिए इन्हें तट तक सुरक्षित लाया जा रहा है। बचाव एवं राहत कार्यों में मदद के लिए क्षेत्र में आईएनएस तलवार भी तैनात है।