परिश्रम और सेवा से श्रेष्ठतम को अर्जित किया जा सकता

उज्जैन। अनुशासन, परिश्रम और सेवा से ही श्रेष्ठतम को अर्जिमत किया जा सकता है। आज में इस पद को प्राप्त कर सका यह तपस्या से ही संभव हुआ है। आप सबके सहयोग से मैं सफलता की ओर अग्रसर रहूंगा। यह उद्गार शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए नवागत कुलगुरू डॉ. अर्पण भारद्वाज ने व्यक्त किये।
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अध्यक्षता डॉ. राकेश दंड ने की। अतिथि परिचय डॉ. नीरज सारवान ने दिया। इस अवसर पर डॉ. सत्यनारायण शर्मा, डॉ. प्रेमलता चुटेल, डॉ. गीता नायक, डॉ. प्रशांत पुराणिक ने संबोधित किया।
कार्यक्रम में डॉ. डीडी बेदिया, डॉ. राजेश सकोरिकर, महेंद्र उपाध्याय, संजय बघेल, डॉ. जीवन सिंह सोलंकी, डॉ. तारा परमार, डॉ. संदीप लांडे, डॉ. सुनीता श्रीवास्तव, डॉ. सरोज यादव, डॉ. चिंतामणि राठौर, डॉ. शैलेंद्र वर्मा, डॉ. हिम्मतसिंह ठाकुर, डॉ. आलोक गोयल, डॉ. शेखर मैदमवार, डॉ. अजय शर्मा, डॉ. हरीश व्यास, विजय पटेल, स्मिता पटेल विजय निगम, डॉ. श्रद्धा मिश्रा, अविनाश राठौर, दीपक उपाध्याय, रविंद्र राणावत, डॉ.हिम्मतसिंह ठाकुर उपस्थित थे।