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प्रागैतिहासिक युग की 650 कलाकृतियां और 30 हजार दुर्लभ पांडुलिपियों का विशाल पुरातत्व संग्रह

राज्यपाल के मुख्य आतिथ्य में पुरातत्व संग्रहालय के नवीन भवन के लिए भूमि पूजन किया गया

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उज्जैन। राज्यपाल मंगुभाई पटेल के मुख्य आतिथ्य में विक्रम कीर्ति मंदिर परिसर स्थित पुरातत्व संग्रहालय परिसर में नवीन भवन सहित नई विथिकाओं के लिये बुधवार को भूमि पूजन हुआ। भूमि पूजन के बाद राज्यपाल एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव सहित अतिथियों ने पुरातत्व संग्रहालय का निरीक्षण किया। सांसद अनिल फिरोजिया, महापौर मुकेश टटवाल, निगम सभापति कलावती यादव, कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल आदि उपस्थित थे।

विक्रम विवि स्थित वर्तमान विक्रम कीर्ति संग्रहालय शहर के समृद्ध इतिहास के कुछ संग्रह है, जिसमें लगभग सभी अवधियों, शासकों की कलाकृतियां हैं। संग्रहालय में प्रागैतिहासिक युग की 650 कलाकृतियां और 30 हजार दुर्लभ पांडुलिपियों का पुरातत्व संग्रहालय में है। वर्तमान भवन जीर्ण-शीर्ण होने से स्मार्ट सिटी द्वारा संग्रहालय के जीर्णोद्धार तथा उन्नयन का कार्य किया जायेगा। 1200 वर्गमीटर के भवन का निर्माण तथा 4500 वर्गमीटर के मौजूदा ढांचे का नवीनीकरण नई गैलरी आदि शामिल होंगे। उज्जैन स्मार्ट सिटी द्वारा मेसर्स दोशी कंसल्टेंट प्रा.लि. इंदौर को कार्यादेश जारी किया जा चुका है।

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14 करोड़ रुपए से नई विथिकाएं बनाई जाएगी

संग्रहालय को 14 करोड़ रुपये की लागत से संवारने का कार्य किया जायेगा। भवन निर्माण सहित नई विथिकाएं से बनाई जायेगी। संग्रहालय में उज्जैन के इतिहास से जुड़े कई तथ्य मौजूद हैं। संग्रहालय को अत्याधुनिक रूप देने एवं संरक्षित प्रतिमाओं और अवशेषों को संरक्षित रखने के लिये उक्त राशि स्वीकृत की गई है। स्वीकृत राशि से पुरातत्व संग्रहालय में रखी पुरातात्विक धरोहर जिसमें पांच लाख साल पुराना विश्व प्रसिद्ध हाथी का मस्तक, गेंडे का सिंग, दरियाई घोड़े का दांत, जंगली भैंसे का जबड़ा एवं अन्य 200 जीवाश्म तथा अन्य अवशेष जिन्हें विभिन्न विथिकाओं में प्रदर्शित किया जायेगा।

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