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फ्रीगंज में नई जगह नया ओवरब्रिज!

भोपाल से आए सेतु निगम के अफसरों ने टटोली संभावनाएं

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नई सरकार करेगी नए प्रस्ताव पर फैसला…

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:फ्रीगंज में नया ओवरब्रिज अब नई जगह बनाने की कवायद शुरू हो गई है। लोक निर्माण विभाग सेतु के भोपाल से आए अफसरों ने इसके लिए नई लोकेशन का निरीक्षण कर संभावनाएं टटोली हैं। प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद इस प्रस्ताव पर फैसला होगा।

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फ्रीगंज में मौजूदा ब्रिज के समानांतर नया ब्रिज बनाने के लिए फ्रीगंज में 91 करोड़ 76 लाख और 92 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति देने के बाद यह यू टर्न आया है। हालांकि अभी इसके लिए टेंडर लगाने की प्रक्रिया बाकी है। चुनाव की आचार संहिता के कारण यह काम हो नहीं सका।

ब्रिज बनाने के लिए अभी जमीन का अधिग्रहण भी होना बाकी है। इस योजना में दो बड़े पेच सामने आए हैं। एक तो यह कि इस जगह ब्रिज बनाने से सरकार पर वित्तीय भार अधिक पड़ रहा, दूसरा यह कि रेलवे के हिस्से का ब्रिज रेलवे बनाने को तैयार नहीं हैं। सेतु विभाग के एसई एमपी सिंह विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान उज्जैन आए थे और उन्होंने तत्कालीन कार्यपालन यंत्री एसके अग्रवाल सहित इंजीनियरों के साथ नई जगह ब्रिज बनाने के लिए निरीक्षण किया था।

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उनकी रिपोर्ट के आधार पर विभाग नई जगह ब्रिज बनाने का कोई बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है। वर्तमान में बड़ी अड़चन यह आ रही कि रेलवे अपने हिस्से यानी पटरी के ऊपर का ब्रिज बनाने को तैयार नहीं, क्योंकि वह तभी पटरी वाले हिस्से में ब्रिज बनाती है, जब वहां फाटक हो। मौजूदा ब्रिज के नीचे फाटक नहीं है।

अन्य अड़चनें भी आ रही हैं। इस कारण विभाग दूसरी जगह ब्रिज बनाने की तैयारी में जुटा हुआ है। वर्तमान ब्रिज सौ साल से भी ज्यादा पुराना है। सरकार ने आचार संहिता लागू होने से पहले ब्रिज निर्माण की प्रशासकीय मंजूरी दी थी, लेकिन बाद में चुनाव के कारण काम आगे नहीं बढ़ सका था। इस मामले में अधिकारी अभी स्पष्ट कुछ बोलने को तैयार नहीं।

अब कहां से कहां तक

सेठी बिल्डिंग के पास इसका एक सिरा बनाया जाएगा, जो मक्सी रोड के करीब है।

दूसरा सिरा चामुंडा माता मंदिर से पहले आगर रोड की ओर बिनोद मिल परिसर के लिए बनी रोड पर।

आचार संहिता के बाद बढ़ेगा काम

अभी चुनाव की आचार संहिता लागू है। इस कारण नए काम नहीं हो सकते। आचार संहिता के बाद ही ब्रिज का काम आगे बढ़ेगा।-कुलदीप सिंह, कार्यपालन यंत्री सेतु संभाग, उज्जैन

ये पांच कारण, जिससे तलाश रहे नई जगह

मौजूदा जगह ब्रिज बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण पर 50 करोड़ का संभावित खर्च बचेगा।

पीडब्ल्यूडी, एमपीआरडीसी और ब्रिज के दफ्तर तोडऩा नहीं पड़ेंगे।

नया ब्रिज पुराने ब्रिज से करीब आठ फीट ऊपर बनाना पड़ेगा।

रेलवे का हिस्सा बनाने की जरूरत नहीं, क्योंकि नई जगह रेल लाइन नहीं।

फ्रीगंज और आगर रोड को जोडऩे के लिए नया रास्ता मिलेगा।

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