नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त ने मांगी रिपोर्ट…
उज्जैन। शहर में अंतर्गत भवन निर्माण अनुज्ञा (स्वीकृति), स्वीकृत मानचित्र के विपरीत या अनुज्ञा के बगैर ही निर्माणाधीन बहुमंजिला एवं ऊंचे भवनों शासन के निशाने पर आ गए है। इसके लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त ने नगर निगम से मांगी रिपोर्ट मांगी है।
मध्य प्रदेश में बगैर अनुमति या अनुमति से अधिक भवन निर्माण पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव ने नगर निगम आयुक्त और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। निकाय क्षेत्र अंतर्गत भवन निर्माण अनुज्ञा (स्वीकृति), स्वीकृत मानचित्र के विपरीत या अनुज्ञा के बगैर ही निर्माणाधीन बहुमंजिला एवं ऊंचे भवनों को चिह्नित कर रिपोर्ट मांगी है।
जानकारों का कहना है कि आमतौर पर देखने में आया है कि प्रदेश के कई नगरीय निकाय क्षेत्र में स्वीकृत एफएआर से अधिक एवं स्वीकृत मानचित्र के विपरीत निर्मित और निर्माणाधीन भवन हैं। अधिनियम में पर्याप्त प्रविधान होने पर भी निकाय का अमला समय पर कोई कार्रवाई नहीं करता है। इससे ऐसे निर्माण को बढ़ावा मिल रहा है। इसके अलावा भवन निर्माण पूर्ण होने पर भवन पूर्णता प्रमाण पत्र एवं अधिवास की अनुज्ञा प्राप्त किए बिना ही भवनों को उपयोग में लाया जा रहा है, जो अधिनियम के विपरीत है।
अधिनियम के विपरीत निर्मित भवन एवं इनके अनाधिकृत उपयोग से अग्नि दुर्घटनाओं की संभावना भी रहती है। बता दें कि नगरपालिका परिषद या नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत मप्र नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 187 के उप नियम अनुसार भवन निर्माण की अनुज्ञा दी जाती है। भवन निर्माण अनुज्ञा में मप्र नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के उप नियमों एवं मप्र भूमि विकास नियम 2012 के सभी प्रविधानों का पालन करना अनिवार्य है।
यह भी है आयुक्त के आदेश
- भवन का निर्माण स्वीकृत मानचित्र के अनुसार हो रहा है या नहीं, यह भी देखें।
- भवन निर्माण के विभिन्न चरणों के कार्य पूर्ण होने पर नगरीय निकाय का तकनीकी अमला पर्यवेक्षण करें और पूरी तरह से नियमों का पालन कराए।
- स्वीकृत मानचित्र के विपरीत निर्माण पाए जाने पर अधिनियम के प्रविधानों के तहत तत्काल कार्रवाई हो।
- प्रत्येक माह की सात तारीख तक पिछले माह की कार्रवाई का प्रतिवेदन भी भेजें।
आदेश पालन किया जाएगा
नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त के आदेश-निर्देश का पालन होगा। नगरीय निकाय नियम-अधिनियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
आदित्य नागर, अपर आयुक्त ननि