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बाबा महाकाल के सम्मान का मखौल!

दिखावा करने के चक्कर में सूचना-समाचार के शब्दों से खिलवाड़…

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अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:महाकालेश्वर मंदिर की गतिविधियों, कार्यों और अन्य सूचना के लिए उपयोग किए जाने वाले व्हाट्सएप ग्रुप पर अतिरिक्त ज्ञान दिखाने के चक्कर में शब्दों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा हैं। सूचना में ऐसे शब्दों का उपयोग किया गया, जो किसी भी रुप में भगवान महाकालेश्वर के प्रति सम्मानजनक नहीं हैं।

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा मंदिर गतिविधियों, कार्यों और अन्य सूचना के लिए व्हाट्सएप ग्रुप ‘जनसंपर्क महाकालेश्वर मंदिर’ ऑपरेट किया जाता हैं। इस पर दो दिनों के समाचार-सूचना कि बानगी देखिए…।

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उक्त दोनों जानकारी में एक स्थान पर ‘सीमान्लंघन’ और दूसरी जगह ‘सीमोनलंघन’ उपयोग किया गया हैं। हिन्दी शब्दकोश यह शब्द कहीं भी नहीं हैं। वहीं दोनों ही शब्द गलत हैं। यदि शब्द ‘सीमा’ और ‘उल्लंघन’ के विन्यास यानि जोड़कर बनाने की कोशिश की गई है तो भी शब्द गलत ही लिखा गया हैं।

इसके अलावा समाचार-सूचना में मंशा भगवान महाकालेश्वर के सीमा उल्लंघन की देने की है तो यह बहुत ही गलत हैं। यह भगवान के प्रति अपमानजनक कहा जा सकता हैं। विद्वानों के अनुसार सीमा उल्लंघन का संधि विन्यास से सही रूप में शब्द ‘सीमोल्लंघन’ हैं। इसका स्त्रोत संस्कृत और शब्दभेद संज्ञा, पुल्लिंग हैं। ‘सीमोल्लंघन का अर्थ’ सीमा का उल्लंघन करना, सीमा को लांघना, हद पार करना हैं। वहीं ‘उल्लंघन’ का अर्थ ‘अवज्ञा करना’ और ‘विरुद्ध आचरण’ हैं।

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ऐसे में भगवान महाकालेश्वर के समाचार-सूचना में इस शब्द का उपयोग तो उचित नहीं माना जा सकता हैं। ऐसा नहीं हैं कि पहली बार गलती हो रही हैं पूर्व में गलतियां हुई। अवगत कराए जाने पर सूचनाओं को डिलीट भी कर दिया जाता रहा हैं, लेकिन गलतियों से सबक नहीं लिया जाता हैं। बता दें कि महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के व्हाट्सएप ग्रुप ‘जनसंपर्क महाकालेश्वर मंदिर’ से कई अधिकारी जुडे है और ग्रुप एडमिन भी हैं।

1.दशहरा पर्व पर आज निकलेगी भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी,वर्ष में एक बार बाबा श्री मनमहेश जी सीमान्लंघन व प्रजा का हाल जानने फ्रीगंज क्षेत्र जायेगे।

2.श्री मनमहेश जी की सवारी दशहरा मैदान में शमी वृक्ष पूजन (सीमोनलंघन) हेतु श्री महाकालेश्वर मंदिर से निकली।

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