बामनिया:मामाजी की 22 वीं पुण्यतिथि आज:

By AV NEWS

मामाजी की समाधि पर शिस नवाने भक्तों के समक्ष कोरोना बाधा

श्रद्धालु अपने घरों से ही दे श्रद्वांजलि की अपील के बावजूद

प्रशासन ने किए गाइडलाईन अनुसार इंतजामात

बामनिया-(विकास चोपड़ा )प्रसिद्व समाजवादी चिंतक स्व.मामा बालेष्वर दयाल की आज 22 वीं पुण्यतिथि है ।मामाजी की पुण्यतिथि पर प्रतिवर्ष की तरह हजारों की संख्या में आने वाले भक्तों के समक्ष इस वर्ष कोविड19 सबसे बडी बाधा बनता दिखाई दी है । प्रशासन द्वारा आयोजनकर्ताओं के साथ एक बैठक इस मामले को लेकर पहले ही ली जाकर यह अपील भी जारी कर दी गई थी कि मामाजी के भक्तगण अपने घरों से ही श्रद्वांजलि अर्पित करे और कम से कम संख्या में समाधिस्थल पर पहुंचे । जिसका असर भी दिखाई दिया इस पुण्यतिथि पर जहाँ हर पुण्यतिथि पर 20से25 हजार की संख्या में मामाजी के अनुयायियों का ताता लगता था वो इस पुण्यतिथि पर सीमित संख्या में नजर आया और मामाजी के जो अनुयायियों इस पुण्यतिथि पर आए उन्होंने ने शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए ही इस पुण्यतिथि पर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। हालांकि इस पुण्यतिथि को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क दिखाई दिया है । प्रशासन ने मामाजी के भक्तों को समाधि स्थल तक पहुंचने एवं वापिस लौटने के लिए तीन वैकल्पिक मार्गो का भी इंतजाम किया है जिससे वे शासन की गाईडलाईन का पालन करते हुए भक्तगण अपनी आस्था की बानगी को पूरा कर सके ।

बनाए वैकल्पिक मार्ग-

प्रशासन एवं आयोजनकर्ताओं की संयुक्त अपील के बावजूद प्रतिवर्पानुसार यहां मामाजी के भक्तों का जमावडा हो सकने की स्थिति से रूबरू होने को लेकर प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए है ।प्रशासन ने यहां पर तीन वैकल्पिक मार्ग बनाए है जिसमें थांदला रोड की ओर से मामाजी की समाधि स्थल तक पहुंचने वाले भक्तों के लिए रेल्वे पुलिया के नीचे से सीधे समाधि तक का मार्ग बनाया गया है ।साथ ही रेल्वे स्टेशन छोर से विघुत सुविधा के साथ दूसरा मार्ग बनाया गया है जिससे भक्तगण बिना बाजार में प्रवेष किए सीधे मामाजी के आश्रम पहुंच सकेगें ।इसी प्रकार की व्यवस्था तीसरे वैकल्पिक मार्ग के रूप में पेटलावद रोड की ओर से की गई है ।

नहीं हुआ कोई आयोजन-

मामा बालेश्वर दयाल की पुण्यतिथि पर हर बार श्रद्वांजलि सभा का आयोजन होता रहा है किन्तु इस वर्ष शासन की गाईडलाईन अनुसार किसी भी प्रकार का कोई सभा आयोजन नहीं हुआ । साथ ही यहां लगने वाला दो दिवसीय मेला भी इस बार नहीं लगा ।मामाजी के भक्तों को बिना नगर में प्रवेष दिए वैकल्पिक मार्गो से सीधे आश्रम तक पहुंचाया गया एवं वहां से अपने गतंव्य तक पहुंचाया गया।

प्रशासन की मुस्तैदी-

मामाजी के अधिकतम भक्त राजस्थान के बांसवाडा,डूंगरपुर,प्रतापगढ,आदि स्थानों के अलावा गुजरात के दाहोद,पंचमहाल क्षेत्र से आते रहे हेै।जिन्हें उनके क्षेत्र से यहां तक पहुंचने से रोकने के लिए जारी की गई अपील के साथ ही इस महामारी काल में आम जनता को सुरक्षित एवं स्वस्थ्य रखा जा सके तथा बिना किसी परेशानी के मामाजी के भक्त मामाजी का दर्शन लाभ कोविड की गाइडलाईन अनुसार ले सके ।पेटलावद के आईएएस व एसडीएम शिशिर गेमावत ने पुलिस एसडीओपी सोनू डावर, थाना प्रभारी संजय रावत , तहसीलदार जितेन्द्र अलावा ,नायब तहसीलदार भूपेन्द्र भिडे सहित स्थानीय चैकी प्रभारी एम एल सोलंकी आदि दल के साथ सतत रूप से सम्बन्धित इंतजामात में जुटे हुए थे और इस पुण्यतिथि को कोरोना की गाइडलाइन अनुसार मामाजी के भक्तों को श्रद्धा सुमन अर्पित करवाए गए ।

इनका कहना है-
प्रतिवर्ष पुण्यतिथि पर हजारों की संख्या में मामाजी के आश्रम पहुंचने वाले भक्तों को कोविड19के दौर में अपील के जरिए अपने घरों से ही श्रद्वांजलि अर्पित किए जाने का संदेश दिया गया है ।किन्तु मामाजी की अनुयायियों की आवाजाही यहां होने को लेकर वैकल्पिक मार्ग आदि कई इंतजाम किए गए है ।

– शिशिर गेमावत, आईएएस, एसडीएम पेटलावद

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