भस्मआरती के वर्चुअल दर्शन की सुविधा सवालों के घेरे में

महापौर ने महाकाल मंदिर प्रबंध समिति से मांगी जानकारी,
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
जिम्मेदार कुछ भी बताने को तैयार नहीं
शैलेष व्यासउज्जैन। महाकाल मंदिर में 150 रु. में 8 मिनट और 500 रुपए में भस्म आरती की 15 मिनट की वर्चुअल सुविधा सवालों के घेरे में आ गई है। निजी एजेंसी द्वारा मंदिर परिसर में संचालित वर्चुअल रियलिटी (वीआर) को लेकर महापौर ने मंदिर प्रबंध समिति से इसकी जानकारी मांगी है।
महाकाल मंदिर के विस्तारित परिसर में बीते कई महीनों से एक निजी कम्पनी नई तकनीक ईजाद कर श्रद्धालुओं को वर्चुअल रियलिटी से भस्म आरती में सम्मिलित कर रही है। इससे भक्तों को ऐसा अहसास होता है कि वे गर्भगृह में भगवान महाकाल के पास खड़े होकर आरती देख रहे हैं। आठ और १५ मिनट के इस शो में दो अलग-अलग तरह के शुल्क प्रति व्यक्ति के हिसाब से लिया जाता है।
वर्चुअल रियलिटी से भस्म आरती की इस सुविधा पर सवाल खड़े हो गए है। सूत्रों का कहना है कि वर्चुअल रियलिटी कंपनी को बड़ा स्थान मंदिर प्रबंध समिति ने उपलब्ध कराया है। इसके एवज में समिति कोई शुल्क लेती है या नहीं यह स्पष्ट नहीं है। वहीं मंदिर परिसर में एक निजी कंपनी को सशुल्क काम करने की अनुमति किसने और किन शर्त पर दी यह भी कोई बताने को तैयार नहीं है।
महापौर मुकेश टटवाल ने महाकाल प्रबंध समिति को पत्र लिखते हुए वर्चुअल रियलिटी के माध्यम से भगवान की भस्मआरती की जानकारी मांगी है। बताया जाता है कि महापौर टटवाल द्वारा सितंबर 2023 को पत्र लिखकर वर्चुअल रियलिटी की जानकारी मांगी थी। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा अभी तक वर्चुअल रियलिटी नहीं दी। इसके बाद महापौर की ओर से मंदिर प्रबंध समिति को जानकारी के लिए पुन: पत्र लिखा गया है। इस मसले पर जानकारी के लिए महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप सोनी से संपर्क किया, लेकिन चर्चा नहीं हो सकी।
यह बताने को कहा
वर्चुअल रियलिटी भस्मआरती शो किसी एजेन्सी के माध्यम से दिखाया जा रहा है।
संचालित करने वाली एजेंसी का नाम, संचालन की अनुमति दिए जाने की जानकारी,अनुमति पत्र,संचालन की शर्तें,संचालन के लिए उपलब्ध कराए गए स्थान-शुल्क की जानकारी,शो संचालन की दर निर्धारण की जानकारी,वर्चुअल रियलिटी संचालक एजेंसी और महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के मध्य संपादित अनुबंध की प्रतिलिपि,एजेंसी से राजस्व साझा शर्तों की जानकारी।
क्या मंदिर प्रबंध समिति द्वारा वर्चुअल रियलिटी सुविधा के लिए विधिवत निविदा आमंत्रित की गई थी? यदि हां तो निविदाओं की विस्तृत जानकारी।
क्या इस प्रकार के वर्चुअल रियलिटी के शो के लिए अन्य एजेंसी को अनुमति दी जा सकती है?
एक व्यक्ति के लिए शुल्क 150 और 500 रुपए
ऐसे भक्त जो महाकाल मंदिर में रोजाना होने वाले भस्म आरती को देखना चाहते हैं, उनके लिए एक निजी इनोवेशन कंपनी एआर-वीआर तकनीक से भस्माआरती में शामिल होने का मौका दे रही है।आठ से दस मिनट की इस आरती में डमरू, झांझ, शंख के संगीत के बीच भक्तों भस्माआरती में शामिल होने का अहसास होता है। वीआर तकनीक से भस्म आरती, श्रृंगार, पंचामृत अभिषेक पूजन देख सकते हैं। कम्पनी ने मार्च 2023 से वर्चुअल रियलिटी का काम कर रही है। वीआर हेड सेट के माध्यम से दिनभर भक्त लाइव भस्म आरती के दर्शन कर सकते हैं। 8 मिनट के वीडियो में भस्म आरती, श्रृंगार, पंचामृत अभिषेक पूजन और महाकाल महोत्सव देखने को मिलता है। इसके लिए भक्त 150 रुपए की राशि का भुगतान करना होता है। वहीं 15 मिनट के लिए 500 रुपए का शुल्क लगता है।
थ्री डी का अहसास
वीआर तकनीक में एक डिवाइस को सिर पर पहना दिया जाता है। जिस समय भक्त अंदर देख रहे होते है वे चाहे तो 360 डिग्री घूमकर भी मंदिर के अंदर का अहसास कर सकते है। डिवाइस थ्रीडी माउस की तरह काम करता है और छह डिग्रियों में मूवमेंट की सुविधा देता है।
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति का पदेन सदस्य होने के नाते वर्चुअल रियलिटी (वीआर) को लेकर समिति के जिम्मेदार अधिकारियों से कई मर्तबा मौखिक तौर पर जानने का प्रयास किया, लेकिन सभी गोलमाल जवाब देते रहे। इसके बाद दो बार पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है। जानकारी देना तो दूर समिति की ओर से पत्रों का उत्तर देना उचित नहीं समझा गया है।-मुकेश टटवाल, महापौर









