भाई-भतीजे बल पूर्वक प्लाट पर कब्जा करने आये तो व्यथित वृद्ध ने जहर खाकर दी जान

लापरवाही: पुलिस को दिया था आवेदन, तीन दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई
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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन भाई व भतीजों द्वारा पैतृक जमीन धोखे से बेचने के बाद प्लाट पर कब्जा करने के प्रयास की शिकायत वृद्ध ने झार्डा थाने पर की जिसकी सुनवाई दो दिनों तक नहीं हुई तो वृद्ध पुन: थाने गया तो पुलिसकर्मियों ने उसे दूसरे दिन आने का कहकर भगा दिया। वृद्ध ने सुबह जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
प्रभुलाल पिता रामा चौहान (65) निवासी सुमराखेड़ा थाना झार्डा को परिजन मृत अवस्था में जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टर ने शव को पीएम रूम में रखने की बात कही तो परिजन विवाद करने लगे। पुलिस फोर्स पहुंचा और समझाइश के बाद शव को पीएम रूम में रखवाया गया। प्रभुलाल के बेटे हेमराज ने बताया कि उसके पिता 4 भाई थे जिनमें से दो भाई की मृत्यु हो चुकी है और भतीजे हैं।
दादा की गांव में साढ़े तीन बीघा जमीन थी जिसे एक भाई नंदू, भतीजे नारायण, तेजू, देवीलाल, भेरू ने कुछ वर्ष पहले धोखे से बेच दिया था। इसके बाद उक्त लोग दादा के प्लाट पर कब्जा करने आ गये। इसकी शिकायत प्रभुलाल ने झार्डा थाने में 26 नवंबर को आवेदन देकर की थी। दो दिनों तक पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई वहीं दूसरी तरफ भाई व भतीजे प्रभुलाल पर दबाव बना रहे थे।
28 नवंबर को प्रभुलाल अपने बेटे जीवन के साथ फिर से झार्डा थाने गया और पुलिस को बताया कि उसके भतीजे व भाई हमला कर सकते हैं। जीवन ने बताया कि पुलिस ने थाने में फोर्स नहीं होने और अधिकारियों के आने पर अगले दिन सुबह गांव आने की बात कहकर भगा दिया।
सुबह प्लाट पर जाकर खाया जहर
हेमराज ने बताया कि पिता रात भर से परेशान थे और एक ही बात कह रहे थे कि भतीजों व भाई ने मिलकर पैतृक जमीन बेच दी और अब प्लाट भी हड़प रहे हैं कल से निजी जमीन भी हड़प लेंगे तो क्या होगा। सुबह प्रभुलाल उठा और विवादित प्लाट पर पहुंचकर शोर मचाया कि मैं भतीजों व भाई से प्रताडि़त होकर जहर खा रहा हूं और जहर खा लिया। उसे लेकर झार्डा अस्पताल पहुंचे जहां से उज्जैन रैफर किया गया लेकिन उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
हम तो ड्यूटियों में लगे हैं, थाने में फोर्स भी कम है
झार्डा थाना प्रभारी रामकुमार कोरी ने बताया कि दो दिन पहले हरिहर मिलन की ड्यूटी में लगे थे। कल कार्तिक पूर्णिमा की ड्यूटी कर रहे थे। होमगार्ड के जवान राजस्थान चुनाव ड्यूटी में गये हैं। थाने में मात्र 10 लोगों का स्टाफ है। प्रभुलाल के आवेदन या उसके द्वारा आत्महत्या की जानकारी नहीं है। अब मर्ग कायम कर जांच के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे।










