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भाजपा उज्जैन संसदीय क्षेत्र में एक सीट पर पूर्व सांसद को उतार सकती है…!

टिकट का इंतजार, ज्यादा खींचतान वाली सीट होल्ड पर रखी गई…

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शैलेष व्यासउज्जैन। विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा में टिकट का इंतजार लम्बा हो गया है। उज्जैन जिले की घोषित होने से शेष रही तीन सीट खींचतान अधिक होने के कारण फिलहाल होल्ड पर रखी गई है। इस बीच खबर है कि भाजपा उज्जैन -आलोट संसदीय क्षेत्र में शामिल आठ विधानसभा सीट में से किसी एक सीट पर पूर्व सांसद को उतार सकती है।

 

भाजपा ने जिस तेजी से विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की उसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि नामांकन जमा करने की शुरुआत के पहले ही सभी 230 तीन प्रत्याशी तय कर दिए जाएंगे। ऐसा हुआ नहीं है। भाजपा में प्रदेश की बची हुई 94 सीटों पर नामों को लेकर कई दौर की चर्चा हो गई है। खींचतान वाली सीटों को होल्ड पर रखा।

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किसी पूर्व सांसद को विधायक बनाने पर विचार

उज्जैन -आलोट संसदीय क्षेत्र में उज्जैन जिले की 7 विधानसभा सीट के अलावा रतलाम जिले की आलोट विधानसभा भी शामिल है। भाजपा ने उज्जैन उत्तर,बडऩगर और महिदपुर के साथ आलोट सीट को भी होल्ड पर रखा है। पार्टी ने प्रदेश में सात सांसदों को विधानसभा चुनाव लडऩे का कहा है। सूत्रों के अनुसार उज्जैन -आलोट संसदीय क्षेत्र की किसी एक विधानसभा से पूर्व सांसद को मैदान में उतारा जा सकता है।

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उज्जैन से तीन पूर्व सांसदों का नाता है। इसमें डॉ.सत्यनारायण जटिया,थावरचंद गेहलोत और डॉ.चिंतामणी मालवीय है। पार्टी इनमें से किसी एक को विधानसभा चुनाव लडऩे का कह सकती है। चर्चा है कि पार्टी द्वारा केंद्रीय चुनाव समिति की इस भावना से तीनों को अवगत भी कराया जा चुका है। इनमें से थावरचंद गेहलोत के चुनाव मैदान में उतरने की संभावना बहुत ही कम है। ऐसे में डॉ.जटिया,डॉ.मालवीय शेष बचते है। पार्टी इन्हें किस सीट से उतार सकती है यह कहना मुश्किल है।

पांच नाम के एंगल में अटका उज्जैन उत्तर

उज्जैन उत्तर में वर्तमान विधायक पारस जैन का नाम सबसे आगे है,लेकिन जातिगत समीकरण का हवाला देकर प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं द्वारा अपने-अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के लिए नाम आगे बढ़ाने से दावेदारों की संख्या और खींचतान अधिक हो गई है।

टिकट के लिए पारस जैन के अलावा सोनू गेहतोत ,अनिल जैन कालूहेड़ा,विभाष उपाध्याय तो दौड़ में थे। अधिक खींचतान के बीच एक नाम अशोक प्रजापत का भी शामिल हो गया है। ऐसे में उज्जैन उत्तर की सीट पांच नाम के एंगल में अटक गई है।

सूत्रों का कहना है कि उज्जैन उत्तर की सीट के कारण बडऩगर और महिदपुर की सीट पर उलझन बनी हुई है। पार्टी को बडऩगर में नया उम्मीदवार देना है,तो महिदपुर में टिकट काटना है। पार्टी यदि उज्जैन उत्तर से ब्राह्मण को मैदान में उतारती है,तो इसका असर बडऩगर में प्रत्याशी तय करने में होगा। किसी जैन को मौका देने पर महिदपुर प्रभावित होगा, इसलिए निर्णय केंद्रीय संगठन लेगा।

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