चारों शव पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपे
ममता के पहले पति ने मनोज से लिया था कर्ज इसके बाद से दुखद अंत की हुई थी शुरूआत
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:जीवाजीगंज के जानकी नगर में लिव इन पार्टनर और दो बच्चों की मौत के बाद पुलिस ने शव पोस्टमॉर्टम के लिए रखवा दिए थे। शुक्रवार सुबह मृतक महिला की मौसी और बहन सहित युवक के भाई व परिवार के अन्य लोग जिला अस्पताल पहुुंचे। पुलिस ने पंचनामा बनाकर चारों शवों को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया। ममता के परिवार में केवल उसकी बहन और मौसी हैं।। जबकि मनोज का भाई महेंद्र राठौर, मामा , चचेरे भाई सहित अन्य लोग मौजूद थे। महेंद्र दाहोद में कपड़े का व्यापारी हैं उसने चारों के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी ली।
मृतिका ममता की बहन संगीता नागदा में रहती है और मौसी शोहदरा उज्जैन की ही रहने वाली हैं। बहन संगीता ने बताया कि ममता का विवाह साल 2007 में हो गया था। उसका पहला पति सुभाष खिंची घर जवांई बनकर जयसिंह पुरा स्थित ममता के पिता के घर पर ही रहता था। उसके घर के सामने ही मनोज राठौर का मकान था। सुभाष ने मनोज से ७०-८० हजार रुपए ब्याज पर कर्ज ले रखा था।
इस कर्ज को चुकाने के लिए सुभाष ने उसकी बाइक और गन्ने के रस बनाने की मशीन भी बेच दी थी। इसके बावजूद उसका कर्ज चुकता नहीं कर पाया। मनोज कर्ज की वसूली के लिए बार-बार सुभाष के घर जाता था। एक दिन सुभाष ने मनोज से बोला कि उसकी पत्नी और बच्चों को गिरवी रख ले। इसी दिन से मनोज और ममता सहित इन बच्चों के जीवन के ऐसे दुखद अंत की शुरूआत हुई थी।
कर्ज चुकानेे और घर चलानेेेेे की बात पर ममता और पहले पति सुभाष के बीच विवाद होता था। 2018 में सुभाष ममता को छोड़कर चला गया। इधर ममता से मनोज की नजदीकिया बढ गई और साल 2020 से मनोज और ममता लिव इन रिलेशनशिप में रहने लग गए। जब मनोज के परिजनों को इस बारे में पता चला तो उन्होंने मनोज से रिश्ता खत्म कर दिया। मां ने उसे जयसिंहपुरा वाले घर से निकाल दिया।
इसके बाद से मनोज ममता और उसके दो बच्चों को लेकर किराए के मकान में रहता था। ममता की बहन संगीता ने बताया कि कुछ दिनों से ममता कुछ दिनों से बीमार थी। मनोज उसके इलाज में मदद नहीं कर रहा था। दोनों के बीच विवाद होता था।
मृतक मनोज के भाई महेंद्र के अनुसार मनोज का विवाह करीब 12 साल पहले कर दिया था लेकिन उसकी पत्नी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से उसे छोड़ दिया था। सीएसपी सुमित अग्रवाल ने बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद चारों शवों को परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद मौत के कारण स्पष्ट होंगेे।
परिजन बोले- मनोज-ममता ने अच्छा नहीं किया, बच्चों को तो जिंदा छोड़ देते
ममता और मनोज के परिजन बोले दोनों ने अच्छा नहीं किया। आत्महत्या करना चाहते थे तो दोनों कर लेते, बच्चों को क्यों मार डाला? मनोज के भाई महेंद्र और ममता की मौसी शोहदरा ने कहा मासूम बच्चों का क्या दोष था। उन्हें जिंदा छोड़ देते तो बच्चों का पालन-पोषण परिवार कर लेता।