महाकाल के आंगन में शुरू हुआ शिव-पार्वती विवाह का उत्सव, 9 दिनों तक अलग-अलग शृंगार होंगे

कोटेश्वर पूजन के बाद बाबा का चंदन से उबटन
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उज्जैन। महाशिवरात्रि पर्व के 9 दिन पहले महाकालेश्वर मंदिर में भगवान शिव और पार्वती के विवाह का उत्सव शुरू होता है। सुबह कोटितीर्थ कुंड के पास स्थित कोटेश्वर महादेव की विशेष पूजन के बाद भगवान महाकाल को चंदन का उबटन लगाकर इसकी शुरूआत हुई। अब शिवरात्रि तक महाकाल के अलग-अलग स्वरूप में श्रृंगार के अलावा मंदिर में पूजन अर्चन भी होगा।
कोटितीर्थ स्थित कोटेश्वर महादेव मंदिर में भगवान कोटेश्वर रामेश्वर का पूजन अभिषेक शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा 11 ब्राम्हणों के साथ किया गया। पं. डॉ. विकास शर्मा ने बताया कि सबसे पहले भगवान गणेश अंबिका पूजन हुआ। इसके पश्चात षोडशोपचार पूजन, रूद्राभिषेक के बाद वरूणी पूजन विधि सम्पन्न हुई। कोटेश्वर महादेव मंदिर में पूजन विधि के बाद भगवान महाकालेश्वर को चंदन का उबटन लगाकर विशेष श्रृंगार किया गया। पं. शर्मा ने बताया कि अगले 9 दिनों तक मंदिर प्रांगण में भगवान महाकाल के विवाह का उत्सव मनेगा जिसके अंतर्गत प्रतिदिन भगवान के अलग-अलग स्वरूपों में श्रृंगार होगा और शिवरात्रि पर महाकाल दूल्हा बनेेंगे। अगले दिन सेहरा श्रृंगार के बाद भक्तों को महाकाल दूल्हे के रूप में दर्शन देंगे। वर्ष में एक बार दोपहर में इसी दिन भस्मार्ती होगी।
एलईडी पर भस्मार्ती लाइव दर्शन की मांग
महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा कोरोना की वजह से वर्तमान में भस्मार्ती दर्शन पर प्रतिबंध लगाया गया है। कलेक्टर की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई मंदिर समिति की बैठक में निर्णय लिया गया था कि शिवरात्रि के बाद आने वाले पहले सोमवार से आमजनों के लिये भस्मार्ती परमिशन पर विचार किया जायेगा। इधर भस्मार्ती में शामिल होने वाले भक्तों ने मांग की है कि मंदिर समिति द्वारा भस्मार्ती मार्ग की दीवार, शंख द्वार और हरसिद्धी मंदिर पर लगी एलईडी में फिलहाल भक्तों को भस्मार्ती के लाइव दर्शन कराये जा सकते हैं। मंदिर समिति इस व्यवस्था पर विचार कर सकती है।