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महाकाल नगरी उज्जैन में बन रही अनूठी कलाकृति

दो हजार लोहे के छोटे शिवलिंग से बना 21 फीट ऊंचा शिवलिंग

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महाकाल लोक के पास त्रिवेणी संग्रहालय में बड़ा त्रिशूल लगाने की भी योजना

रात में लाइट से होगी जगमग, भोपाल के आर्किटेक्ट ने बनाई डिजाइन

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:महाकाल लोक के पास त्रिवेणी संग्रहालय में अब लोहे के करीब 2 हजार छोटे शिवलिंग से 21 फीट ऊंचा अनूठा विशाल शिवलिंग तैयार किया गया है, जो रात में रोशनी से जगमग होगा। राजधानी भोपाल के आर्किटेक्ट ने इसकी डिजाइन तैयार की है। शिवलिंग के पास बड़ा त्रिशूल और डमरू जैसी प्रतिकृति बनाने की भी योजना है। प्रस्ताव मंजूर होने पर इनका भी निर्माण होगा।

त्रिवेणी संग्रहालय के अधीक्षक गौरव तिवारी ने बताया संग्रहालय के प्रति दर्शनार्थियों का आकर्षण बढ़ाने के लिए इस कलाकृति का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें आकर्षक रोशनी की जाएगी ताकि रात के समय यह दर्शनार्थियों के लिए मनमोहक रहे। शिवलिंग के पास ऊंचा त्रिशूल और डमरू जैसी कलाकृति बनाने का भी प्रस्ताव संस्कृति विभाग को भेजा गया है। दक्षिणमुखी इस शिवलिंग में करीब दो हजार छोटे छोटे ऐसे शिवलिंग हैं, जिन पर नाग की आकृति है। भोपाल की टीम इसे तैयार कर रही है।

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इसलिए अचानक ‘प्रकट’ हो गए शिवलिंग…

शिवलिंग को बनाने का काम करीब दो माह से चल रहा है। अब अचानक यह दिखाई देने लगे हैं। संग्रहालय के आदित्य चौरसिया ने बताया इसे भोपाल में ही बनाया गया और संग्रहालय परिसर में इसे असेंबल किया गया है। अभी इसे पूरा करने में वक्त लगेगा। पूरा निर्माण होने पर खर्च राशि का आंकड़ा सामने आएगा।

त्रिवेणी संग्रहालय बना आकर्षण का केंद्र: हरिफाटक ओवरब्रिज की चौथी शाखा के सिरे पर त्रिवेणी संग्रहालय है, जो आकर्षण का केंद्र बन गया है। भूतल पर पुरातन विभाग का संग्रहालय है, जिसमें अति प्राचीन मूर्तियां, पात्र आदि का अद्भुत संग्रहण। शिवायन, दुर्गायन व कृष्णायन पर आधारित तीन अलग-अलग गैलरी। भारत की विभिन्न शैलियों की चित्रकारी, कला, संस्कृति, धार्मिक कथा पर आधारित पेंटिग्स व प्रतिमाओं का संग्रहण है।

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