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महापौर जी, अध्यक्ष जी…अब फोटो खिंचवाना बंद कीजिए!

विधायक पारस जैन ने चुनाव की बैठक में अचानक कह दी ये बात

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महापौर जी, अध्यक्ष जी…अब फोटो खिंचवाना बंद कीजिए!

गुजरात की विधायक कुकरानी ने कहा यह स्थिति ठीक नहीं….

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केडीगेट पर जैन समाजजनों से चुनाव में वोट न देने के फ्लेक्स लगवा दिए

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा के सामने केडी गेट रोड चौड़ीकरण का मुद्दा गले की फांस बन गया है। इसको लेकर गहरा रहा राजनीतिक अंतर्विरोध शनिवार को विस्फोटक रूप में सामने आया। उज्जैन उत्तर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की मौजूदा स्थिति की नब्ज टटोलने प्रवासी विधायक समूह में आईं गुजरात विधायक डॉ. पायल कुकरानी के सामने विधायक पारस जैन ने चुनावी परिदृश्य पर अपनी बात रखते हुए अचानक यह कह दिया कि महापौर जी और अध्यक्ष जी (नगर निगम) आप फोटो खिंचवाना बंद कर दीजिए, चुनाव पर ध्यान दीजिए। केडी गेट रोड का चौड़ीकरण पूरा कराइए…।

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विधायक के इस मुद्दे से संगठन की बैठक में पहले तो कुछ देर के लिए सन्नाटा सा छा गया। बाद में यह मुद्दा पार्टी स्तर पर ही चर्चा का विषय बन गया। किसी को उम्मीद नहीं थी कि विधायक जैन केडी गेट रोड का मुद्दा इस तरह संगठन के फोरम पर रख देंगे, वह भी तब जब गुजरात से विधायक डॉ. कुकरानी को संगठन ने भेजा है। बैठक के दौरान महापौर मुकेश टटवाल ने भी अपनी बात रखी और कहा वे जल्द काम पूरा कराने की कोशिश कर रहे हैं।

अहम बात यह रही कि विधायक डॉ. कुकरानी ने खुद बैठक में यह बात खुलकर कही कि यह स्थिति ठीक नहीं, पार्टी में आपस में गुटबाजी या किसी काम को लेकर विरोध की स्थिति नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा इस तरह की बात यथायोग्य स्थान पर रखना चाहिए। बैठक में महापौर मुकेश टटवाल के अलावा उज्जैन प्राधिकरण अध्यक्ष श्याम बंसल, प्रदेश सह कोषाध्यक्ष अनिल जैन कालूहेड़ा, पूर्व यूडीए अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल, किशोर खंडेलवाल, निगम अध्यक्ष कलावती यादव, राजेन्द्र भारती, ओम जैन, रूप पमनानी, वीरेंद्र कावडिय़ा, महामंत्री संजय अग्रवाल, विशाल राजोरिया, सचिन सक्सेना आदि उपस्थित थे।

यह था दृश्य

विधायक जैन पार्टी फोरम पर अपनी बात रख रहे थे

पहले उन्होंने कहा, मुझे कुछ नहीं कहना फिर अचानक कहा महापौर जी और अध्यक्ष जी, आपसे हाथ जोड़कर कहता हूं केडी गेट रोड का काम जल्दी पूरा कर दीजिए।

चुनाव पास में आ गए हैं, लोग परेशान हो रहे हैं। इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा।

अपनी ही पार्टी के लोगों ने जैन समाज के लोगों को उकसा कर बोर्ड लगवा दिए कि मेरा वोट उसे नहीं मिलेगा, जो मंदिर तोड़ेगा।

यह तरीका ठीक नहीं है। उन्होंने यह कहकर पार्टी के किसी नेता की ओर इशारा भी कर दिया है।

जैन ने यह भी कहा कि मंत्री ने ही यह बयान दे दिया कि रोड चौड़ीकरण के लिए मंदिर नहीं हटेंगे। इससे भी काम रुका।

काम शुरू करने के लिए सही समय नहीं चुना गया।

एक ठेकेदार को काम क्यों दिया, अलग अलग ठेकेदार होना थे।

बाद में वे अपनी बात कहकर उठकर चले गए।

संगठन में अब इन मुद्दों पर बहस

केडी गेट रोड का काम भी विधायक जैन की पहल पर शुरू हुआ।

भूमिपूजन समारोह के फोटो और वीडियो भी वायरल किए गए थे।

केडी गेट चौराहे पर ही भूमिपूजन समारोह के बाद विधायक और मंत्री ने लोगों को रोड चौड़ीकरण के फायदे बताए थे।

मंत्री यादव द्वारा मंदिरों को नहीं हटाने के बयान के बाद अन्य जनप्रतिनिधि पीछे क्यों हटे?

क्यों उलझा रोड का काम, 5 मुद्दे

1. भाजपा में धर्मस्थलों को हटाने के लिए सर्वसम्मत निर्णय नहीं।

2. चुनाव से पहले किसी को श्रेय नहीं मिले, इसके लिए अलग अलग बयान।

3. एमआईसी और पार्षद से ज्यादा अधिकारियों को तवज्जो।

4. ठेकेदार को भुगतान में लेटलतीफी। करीब एक करोड़ का हो चुका काम।

5. भाजपा द्वारा अब तक उज्जैन उत्तर क्षेत्र का उम्मीदवार घोषित नहीं करना।

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