शहर में ऑक्सीजन और बेड की कमी पर बोले जिम्मेदार
उज्जैन। शहर में कोरोना संदिग्ध और पॉजिटिव मरीजों की संख्या ज्यादा बढऩे की वजह से सरकारी अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी हो गई है। इस समस्या के सामने आने के बाद अक्षर विश्व ने क्राइसिस मैनेजमेंट और जिम्मेदारों से निराकरण के लिए किए जाने वाले प्रयासों के विषय में जाना। इसमें सामने आया कि प्रशासन नई व्यवस्था में जुटा हुआ है।
उत्तर विधायक पारस जैन का कहना है कि बिड़ला अस्पताल में 50 बेड तैयार किए जा रहे हैं। साथ ही माधवनगर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी की जा रही है। ताकि यहां आने वाले मरीजों को ऑक्सीजन की कमी से परेशान न होना पड़े। चरक और अमलतास में भी बेड बढ़ाने की व्यवस्था की जा रही है। पीटीएस के अलावा भी व्यवस्था की जा रही है। सभी स्थानों पर इस तरह की व्यवस्था की जा रही है कि जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत हो या उन्हें अलग रखा जाए और जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है, उन्हे अलग रखा जाए।
विधायक का कहना है कि कुर्सी पर मरीज को ऑक्सीजन देने का दूसरा पहलू भी देखा जाना चाहिए। इसमें अस्पताल प्रशासन की कोशिश है कि मरीज को हर हाल में बचाया जाए। उसकी ऑॅक्सीजन की जरूरत को तत्काल पूरा किया जाए। केवल निगेटिव एंगल से नहीं देखा जाना चाहिए। दक्षिण विधायक प्रतिनिधि अभय विश्वकर्मा का कहना है कि अस्पताल में बेड की कमी नहीं है। ऑक्सीजन की कमी है। इसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। कुर्सी पर ऑक्सीजन लगाने से मरीज का तत्काल एडवांटेज मिलता है। यानी उसे तत्काल उपचार मिलता है। इससे मरीज को सहयोग मिल रहा है। हम अस्पताल में आने वाले मरीज को भगा नहीं सकते हैं। उसकी समस्या का समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं। अभी अस्पताल में वे मरीज आ रहे हैं जिन्हें 10 या इससे ज्यादा इंफेक्शन हैं। इस वजह से ऑक्सीजन की कमी होने लगी है।