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मेडिकल कॉलेज के लिए महाकाल मंदिर समिति को भेजा प्रस्ताव

विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन के पत्र पर प्रबंध समिति करेगी फैसला

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:शहर में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन ने महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को प्रस्ताव भेजा है। मंदिर समिति अभी इस पर मंथन कर रही है। सूत्रों के अनुसार प्रबंध समिति की बैठक में यह प्रस्ताव रखा जा सकता है।

 

सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट पर विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन ने काम करना शुरू कर दिया है। इस पर करीब 500 करोड़ रुपए का खर्च होने का अनुमान है। सबसे ज्यादा खर्च शिक्षक और स्टाफ सहित जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने पर होगा। महाकाल मंदिर के साथ मिलकर यह काम करने की पहल के तहत प्रोजेक्ट मंदिर प्रशासन को भेजा गया है। अभी मंदिर प्रशासन ने इस पर कोई निर्णय नहीं किया है, लेकिन मंथन का दौर शुरू हो गया है।

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मंदिर प्रशासन भक्तों और दान राशि के माध्यम से इसमें सहयोग करने पर विचार कर रहा। अभी महाकाल मंदिर प्रबंध समिति द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में इस तरह का कोई काम नहीं किया गया है, लेकिन मेडिकल कॉलेज संयुक्त रूप से चलाने पर देश और दुनिया में एक नई पहचान बनेगी। इस बात को मद्देनजर रखकर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में इस प्रस्ताव पर निर्णय लिया जा सकता है।

मंदिर की आय डेढ़ अरब के आसपास

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महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को दान राशि आदि अन्य माध्यमों से होने वाली सालानाआय का आंकड़ा डेढ़ अरब के आसपास पहुंच गया है। सितंबर 2023 में यह 1 अरब 35 करोड़ 66 लाख तक पहुंच चुका था। हालांकि मंदिर प्रबंधन के खर्च भी इसी अनुपात में होते हैं। मंदिर प्रशासन अपनी आय के कुछ हिस्से को मेडिकल कॉलेज संचालन में दे सकता है। इससे दान राशि में और बढ़ोतरी की भी संभावना है।

मेडिकल कॉलेज के लिए विक्रम विश्वविद्यालय के पास जगह उपलब्ध है, लेकिन फंड नहीं है। इस सिलसिले में महाकाल मंदिर प्रशासन को प्रस्ताव भेजा है। उनका निर्णय आना बाकी है।-प्रो. अखिलेश कुमार पांडे, कुलपति विक्रम विवि

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