पैरामेडिकल कोर्स का अर्थ होता है मेडिकल का एक ऐसा हिस्सा जिसके अंदर इमरजेंसी सेवाओं को प्रदान करना सिखाया जाता है। इस कोर्स में मेडिकल सहायता की संपूर्ण जानकारी के साथ साथ इंसान के शरीर में हो रही किसी बीमारी का पता लगाना सिखाया जाता है। साथ ही यह भी सिखाया जाता है कि ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, ब्लड सेल्स टेस्ट, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआईआरआई आदि कैसे किया जाता है। इन्हें पैरामेडिक्स कहते हैं और इनकी सबसे अधिक आवश्यकता इमरजेंसी विभाग, एंबुलेंस, हॉस्पिटल, हेल्थ केयर विभाग इत्यादि में होती है। पैरामेडिकल कोर्स करने के बाद कोई भी कैंडिडेट डॉक्टर की सहायता करने के लिए उनके साथ काम कर सकता है जैसे डायलिसिस, अल्ट्रासाउंड, एक्स रे, मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी, ब्लड टेस्ट आदि।
प्रचलित पैरामेडिकल कोर्स
कुछ प्रचलित पैरामेडिकल कोर्स ऐसे हैं जिनमें अधिकतर छात्र प्रवेश लेते हैं और अपना कैरियर बनाते हैं ये हैं, डिग्री पैरामेडिकल कोर्सेज
- बीएससी एक्स-रे टेक्नोलॉजी
- बीएससी नर्सिंग
- बीएससी मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी
- बीएससी स्पीच थेरेपी
- बैचलर ऑफ फिजियोथैरेपी
- बीएससी मेडिकल लैबोरेट्री टेक्नोलॉजी
- बीएससी रेडियोग्राफी और मेडिकल इमेजिंग
- बीएससी आप्थेल्मिक टेक्नोलॉजी
डिप्लोमा पैरामेडिकल कोर्सेज-
- डिप्लोमा इन एक्स-रे टेक्नोलॉजी
- डिप्लोमा इन नर्सिंग केयर असिस्टेंट
- डिप्लोमा इन मेडिकल लैबोरेट्री टेक्नोलॉजी
- डिप्लोमा इन डायलिसिस टेक्नोलॉजी
- सहायक नर्स और मिडवाइफ कोर्स (जीएनएम)
- डिप्लोमा इन ओटी टेक्निशियन
सर्टिफिकेट पैरामेडिकल कोर्सेज-
- सर्टिफिकेट इन एचआईवी एंड फैमिली एजुकेशन
- सर्टिफिकेट इन होम बेस्ड हेल्थ केयर
- सर्टिफिकेट इन डेंटल असिस्टेंट
- सर्टिफिकेट इन नर्सिंग केयर असिस्टेंट
- सर्टिफिकेट इन रूरल हेल्थ केयर
पैरामेडिकल कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा
पैरामेडिकल कोर्स में एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस परीक्षा देनी होती है।
पैरामेडिकल कोर्स के लिए योग्यता
- कैंडिडेट को कम से कम कक्षा 12 वीं पास होना चाहिए और उसमें उसके 50त्न अंक होना अनिवार्य है।
- कैंडिडेट में कक्षा 12वीं में बायोलॉजी की पढ़ाई की हो।
- यदि आप दसवीं कक्षा के बाद सर्टिफिकेट कोर्स करना चाहते हैं तो इसके लिए दसवीं कक्षा विज्ञान विषय के साथ पास होनी अनिवार्य है।
फीस
पैरामेडिकल कोर्स करने के लिए आपको अलग-अलग कोर्स के लिए अलग-अलग फीस देनी होती है।पैरामेडिकल कोर्स में डिग्री डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स करवाए जाते हैं तो आपकी फीस इस बात के ऊपर निर्भर करती है कि आपने कौन सा कोर्स चुना है। इसके अलावा यदि आपने प्राइवेट संस्थान से अपना पैरामेडिकल कोर्स करने का निर्णय किया है तो वहां पर आपको कुछ फीस अधिक देनी पड़ सकती है ।
गवर्नमेंट सेक्टर में जॉब्स
वह लोग जो पैरामेडिकल कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा कर लेते हैं तो उनके लिए नौकरी करने के सरकारी क्षेत्र में भी बहुत सारे अवसर उपलब्ध हैं।
पैरामेडिकल कोर्स के बाद कैरियर संभावनाएँ
मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट ,फिजियोथैरेपिस्ट, सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में नर्सफार्मासिस्ट बन सकते हैं, प्रोस्थेटिक और ऑर्थोटिक इंजीनियर बन सकते हैं जिसके अंतर्गत आपको कृत्रिम अंग बनाने होंगे। किसी डॉक्टर के असिस्टेंट बन सकते हैं। किसी डेंटल डॉक्टर के सहायक बन सकते हैं। सीटीसी स्कैन टेक्नीशियन ,एक्स-रे टेक्निशियन या रेडियोलॉजी असिस्टेंट ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट बन सकते हैं।
नीट-यूजी (NEET-UG)
वह सभी छात्र जो मेडिकल क्षेत्र की पढ़ाई करना चाहते हैं तो इसके लिए उनको नीट यूजी प्रवेश प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह गवर्नमेंट और प्राइवेट कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए एक प्री मेडिकल टेस्ट है जिसको नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (National Eligibility cum Entrance Test-NEET के नाम से भी जाना जाता है। नीट परीक्षा एग्जाम पैटर्न (NEET- Exam Pattern) नीट परीक्षा के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाते हैं जो कि बॉटनी, फिजिक्स, केमिस्ट्री और जूलॉजी के विषय पर आधारित होते हैं। कुछ प्राइवेट संस्थान ऐसे हैं जहां पर बिना प्रवेश परीक्षा के छात्रों को दाखिला दिया जाता है। इसलिए यदि आप नीट प्रवेश परीक्षा को पास नहीं कर पाते हैं तो आप किसी प्राइवेट संस्थान से भी पैरामेडिकल कोर्स कर सकते हैं लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि जिस संस्थान से भी आप कोर्स करें वह संस्थान मान्यता प्राप्त
होना चाहिए।