टिकट के लिए भाजपा के क्राइटेरिया से नए चेहरे और युवाओं में उत्साह
एक व्यक्ति एक पद पर जोर…
भोपाल पंचायत चुनाव में नामाकंन दाखिल होने का काम पूरा होने के बाद अब भाजपा संगठन नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी में जुट गया है। भाजपा में नगरीय निकाय चुनाव के टिकट को लेकर क्राइटेरिया लगभग तय कर चुका है। इससे नए चेहरे और युवाओं में उत्साह है। पार्टी ने तय किया है मेयर के लिए किसी भी सांसद या विधायक को टिकट नहीं देगी। चुनाव में एक व्यक्ति एक पद के फॉर्मूले को सख्ती से अमल में लाया जाएगा।
भाजपा कोर ग्रुप ने नगरीय निकाय चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन के लिए मापदंडों तय किए है। संगठन ने नगर निगमों में सांसद या विधायक को छोड़कर चेहरे तलाश करने के निर्देश दिए हैं। पार्टी ने टिकट के लिए थ्री-लेयर व्यवस्था की है। भाजपा दावेदारों की शहर या वार्ड में एक्टिविटी देख रही है। जो पुराने मेयर-पार्षद टिकट चाह रहे हैं, उनकी परफॉर्मेंस भी देखी जा रही है। खराब परफॉर्मेंस वालों के टिकट काटने की तैयारी है। महापौर के साथ हर वार्ड से 3-3 नामों की पैनल बनाकर पार्टी आलाकमान को भेजी जाएगी,फिर प्रदेश संगठन की चुनाव समिति नाम पर मुहर लगाएगी।
यह भी देख रहे
- पूर्व पार्षदों को टिकट देने से पहले देखी जा रही परफॉर्मेंस।
- दावेदारों की कुंडली भी खंगाली जा रही है। आपराधिक रिकॉर्ड भी देखा जा रहा।
- मंत्री, सांसद-विधायकों की रायशुमारी भी ली जाएगी।
टिकट के लिए यह गाइडलाइन भी तय
- नगर निगम, पालिका और परिषदों में 80 फीसदी नए और युवा चेहरों को मौका देना सबसे पहले प्राथमिकता में है। पार्टी युवा चेहरों को पार्षद का टिकट देगी।
- पार्षदों के टिकट में वार्ड के प्रमुख सामाजिक लोगों के नाम पर चर्चा हो रही है।
- कई वार्ड में सामाजिक और सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वाले प्राथमिकता में होंंगे।
- जिस वार्ड में पार्षद दो से तीन बार से हैं, उन्हें संगठन में काम देकर वहां नया चेहरा दिया जाए।
- पति पार्षद हैं और इस बार सीट महिला हो गई है तो पत्नी-बेटी या सगे-संबंधियों को टिकट नहीं मिलेगा।
- यदि कोई जिला अथवा मंडल का कोई पदाधिकारी है और निकाय चुनाव लडऩा चाहता है तो उसे वह पद छोडऩा पड़ेगा।