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रवि पुष्य योग पर पितरों के निमित्त श्राद्ध करने का है विशेष महत्व

रवि पुष्य योग पर पितरों के निमित्त श्राद्ध करने का है विशेष महत्व

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8 अक्टूबर को सिद्धनाथ, गयाकोठा व रामघाट पर श्राद्ध व तर्पण के लिए लगेगा श्रद्धालुओं का तांता…

अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:पितृपक्ष में रविवार, 8 अक्तूबर को रवि पुष्य नक्षत्र का विशेष योग बन रहा है। इस विशेष संयोग में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पितरों की शांति, प्रसन्नता व मोक्ष की कामना के साथ श्राद्धकर्म करेंगे। इस दिन खरीदारी आदि करने के साथ पितरों की शांति व प्रसन्नता के लिए किया गया श्राद्ध विशेष फलदायक माना गाया गया है।

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रविवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग होने से इसे ज्योतिष में विशेष शुभ योग माना जाता है। इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य विशेष फलदायक माना गया हैं। अत: इस दिन सभी प्रकार की खरीदारी, विशेषकर सोने की खरीदारी बड़ी संख्या में लोग करते हैं। पितृपक्ष में इस योग के बनने से इसे पितरों की शांति व प्रसन्नता के लिए विशेष फलदायक माना गया है। अत: बड़ी संख्या में श्रद्धालु सिद्धनाथ, गयाकोठा व रामघाट पर अपने पितरों का श्राद्ध व तर्पण आदि करेंगे।

ज्योतिष के अनुसार रविवार भगवान सूर्य का वार माना गया है और श्राद्धकर्म के साक्षी भी वही होते हैं। दूसरी ओर पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि को माना गया है। शनि यम के भाई माने जाते हैं। अत: इस दिन कर्क राशि के चंद्रमा के साथ पुष्य नक्षत्र का योग श्राद्ध कर्म में विशेष फलदायक होगा। संयोगवश इसी दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी है।

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अत: रवि पुष्य नक्षत्र के साथ इसके संयोग में पितरों के निमित्त धूप ध्यान, श्राद्ध, तर्पण एवं ब्राम्हणों को भोजन कराने, दान दक्षिणा देने के साथ गाय, कौआ, व कुत्ते को रोटी खिलाने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। अत: रविवार, 8 अक्तूबर को सिद्धनाथ, गयाकोठा व रामघाट आदि तीर्थ पर पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण एवं पिंडदान करने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगेगा।रवि पुष्य योग पर पितरों के निमित्त श्राद्ध करने का है विशेष महत्व।

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