राज्यपाल की कार की डिस्क टूट गई थी – दो दिन पहले सीएम को भी लेना पड़ा था लंबा रास्ता लेकिन

एमपीआरडीसी महाप्रबंधक राकेश जैन को लगता है कि फोरलेन बहुत अच्छी स्थिति में
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
खस्ताहाल उज्जैन-इंदौर फोरलेन
लाखों की टोल वसूली
हर कदम पर गड्ढे
सरफेस उखड़ी
अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:उज्जैन-इंदौर फोरलेन की हालात इतनी खराब है कि गुरुवार को उज्जैन आए सीएम शिवराजसिंह चौहान को रात में लौटते समय देवास होकर इंदौर जाना पड़ा।
सीएम की इंदौर वापसी का 52 किमी का सफर 75 किमी से अधिक हो गया। फोरलेन खस्ताहाल,कदम-कदम पर गड्ढे,सरफेस उखड़ी गई है। लाखों रुपए का टोल वसूलने के बाद भी ठेका कंपनी सड़क की मरम्मत नहीं कर पा रही है।
एमपीआरडीसी सड़क ठीक करने के लिए कंपनी को बाध्य करने में असफल है।महाकाल-महालोक के फेस-2 का लोकार्पण और अन्य कार्यो के उद्घाटन,भूमिपूजन के लिए सीएम शिवराजसिंह चौहान गुरुवार शाम को इंदौर से कार द्वारा उज्जैन आए थे।
इंदौर-उज्जैन फोरलेन की दोनों साइड की सड़क मेंटेनेंस नहीं होने के कारण पूरी तरह खराब हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार सीएम कारकेट के उज्जैन तक पहुंचने में सड़क वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
सीएम के साथ स्टाफ मेंबर्स भी परेशान हुए। बता दें कि ठेका देने के बाद से ही एमपीआरडीसी मेंटनेंस को लेकर लापरवाह है। इसके साथ ही फोरलने पर पडऩे वाले ग्रामीण क्षेत्रों में वाहनों को निकालने के लिए डिवाइडरों को जगह-जगह से तोड़ दिया है। इसकी मरम्मत तो दूर डिवाइडर तोडऩे वालों पर कार्रवाई भी नहीं होती है।
सीएम को भी 52 की बजाय 75 किमी का सफर तय कर इंदौर एयरपोर्ट पहुंचना पड़ा था
सीएम को कार्यक्रम में शामिल होकर पुन: इंदौर लौटना था। सीएम की व्यस्तता और उनके भगवान महाकालेश्वर की शयन आरती में शामिल होने के कारण इंदौर लौटने में विलंब हो गया। सूत्रों का कहना है उज्जैन-इंदौर फोरलेन की खराब स्थिति को देखते हुए सीएम सिक्युरिटी ने सीएम की इंदौर वापसी के लिए स्थानीय अधिकारियों वैकल्पिक मार्ग के संबंध में चर्चा की,तो सुझाव सामने आया कि देवास होकर इंदौर पहुंचना ठीक होगा। सीएम सिक्युरिटी,स्टाफ ने विचार करने के बाद सीएम को देवास होकर इंदौर जाने के प्रस्ताव से अवगत कराया। इस सीएम की सहमति के बाद कारों का कारवां इंदौर के लिए देवास रवाना हुआ।
एमपीआरडीसी इंदौर के महाप्रबंधक बोले- मुझे नहीं पता सीएम देवास होकर गए…!
एक तरह से जर्जर हो रहे उज्जैन-इंदौर फोरलेन के मामले में एमपीआरडीसी इंदौर के महाप्रबंधक राकेश जैन का लापरवाही भरा रवैया उजागर हुआ है। उनका कहना है कि जितना आप बता रहे है उतना खराब नहीं है। फोरलेन बहुत ही अच्छी स्थिति में है। मुझे नहीं पता सड़क खराब होने के कारण सीएम उज्जैन से देवास होकर इंदौर गए। कुछ समय पहले गड्ढे के कारण कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत की बुलेट प्रुफ गाड़ी की डिस्क टूटने और हादसा टलने के संबंध में भी महाप्रबंधक जैन का कहना है कि उन्हें इसकी भी कोई जानकारी नहीं है।
रोज 11 लाख रुपए से अधिक की टोल वसूली
उज्जैन-इंदौर फोरलेन एमपीएसआरडीसी के अधीन है। एक जानकारी के अनुसार ठेका कंपनी प्रतिदिन औसतन ११ लाख रु. से अधिक का टोल वसूल रही है। रविवार और अन्य अवकाश के दिनों यह आकंड़ा बढ़ जाता है। इसके बाद भी रोड का मेंटेनेंस नहीं हो रहा है। फोरलेन की दोनों साइड सड़क पर खतरनाक गड्ढे है। सरफेस उखडने से वाहन को बैलेंस करना मुश्किल है। खस्ताहाल फोरलेन की रोड मार्किंग भी नजर नहीं आ रही है। ऐसे में रात के समय वाहन चलाना मुश्किल है। फोरलेन पर कई जगह डिवाइडर में कट लगे हैं।
लापरवाही पर एक कंपनी का 2022 में ठेका निरस्त कर दिया गया था
महाकाल टोलवेज प्राइवेट लिमिटेड को 2010 में उज्जैन-इंदौर टोल रोड का कॉन्ट्रैक्ट 203५ तक दिया गया था। फोरलेन मेंटेनेंस नहीं होने के कारण एमपीएसआरडीसी इंदौर ने मेंटेनेंस के लिए ठेकेदार को 25 से ज्यादा नोटिस दिए थे। इसके साथ ही ठेकेदार पर 19 करोड़ की पेनल्टी लगा दी गई। इसके बाद भी ठेकेदार ने सुधार नहीं किया है। आखिरकार जनवरी 2022 में ठेका निरस्त कर दिया गया।
आठ माह टोल चलाया एमपीएसआरडीसी इंदौर ने
महाकाल टोलवेज प्राइवेट लिमिटेड का ठेका निरस्त होने के बाद नई ठेका कंपनी तय होने तक एमपीएसआरडीसी इंदौर ने टोल अपने हाथों में ले लिया। करीब ८ माह तक एमपीएसआरडीसी इंदौर ने टोल चलाया। इसके बाद बेस्ट ऑफर्स आमंत्रित किए। इसमें फोरलेन संचालन संधारण का ठेका नई कंपनी मेसर्स सत्यनारायण एंड कंपनी को दिया गया है।
मरम्मत पर खर्च किए थे 8.50 करोड़… उज्जैन-इंदौर फोरलेन के संचालन-संधारण और टोल वसूली के लिए नई कंपनी को ठेका देने के पूर्व शर्त के अनुसार एमपीआरडीसी सड़क को व्यवस्थित कर नई कंपनी को सौंपना था। इसके लिए एमपीआरडीसी ने मरम्मत पर 8.50 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इसके बाद सितंबर २०२२ में मेसर्स सत्यनारायण एंड कंपनी को ठेका दिया गया है। उस वक्त दावा किया गया था कि यानी दिसंबर २०२२ तक उज्जैन-इंदौर रोड की सूरत ही बदल जाएगी। ऐसा कुछ हुआ नहीं और दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। इसका खामियाजा इस रोड पर जाने वालों को उठाना पड़ रहा है।
दो माह पहले टल गया था हादसा
करीब दो माह पहले उज्जैन-इंदौर फोरलेन की खराब हालत के कारण कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत की बुलेट प्रुफ गाड़ी की डिस्क टूट गई थी। बता दें कि 22 जुलाई 2023 की रात को इंदौर रोड पर पंथपिपलई के समीप गंभीर हादसा टल गया था। कर्नाटक के राज्यपाल सरकारी बुलेट प्रुफ गाड़ी से इंदौर से उज्जैन होकर नागदा जा रहे थे। उसी दौरान पंथपिपलई के समीप गाड़ी की व्हील डिस्क टूट गई थी।
चालक ने सूझबूझ से वाहन नियंत्रित कर हादसा टाल दिया था। उस वक्त राज्यपाल सिक्युरिटी दल में शामिल आरआइ रंजीतसिंह ने बताया कि बुलेट प्रुफ गाड़ी का वजन सामान्य गाड़ी से तीन से चार गुना अधिक रहता है। रात को कार से राज्यपाल नागदा जा रहे थे। पंथपिपलई के समीप गड्ढे के कारण व्हील डिस्क टूट गइ थी। गनीमत रही कि गाड़ी पलटी नहीं और राज्यपाल गेहलोत सहित गाड़ी में सवार किसी भी व्यक्ति को चोट नहीं लगी थी। राज्यपाल सहित अन्य लोगों को दूसरी गाड़ी से नागदा भेजा गया था। टूटी डिस्क को सुधारने के लिए तत्काल भोपाल भेजा गया था
दोनों शहरों के लिए महत्वपूर्ण रोड
उज्जैन-इंदौर 300 से 350 चार पहिया वाहन से लोग रोज आते-जाते हैं। रविवार,अन्य अवकाश और तीज-त्यौहार पर यह संख्या बढ़ जाती है।
अन्य प्रांत-जिलों के करीब 10 हजार वाहन इस मार्ग से गुजरते हैं।
प्रतिदिन 75 से ज्यादा बसें उज्जैन से इंदौर के बीच चलती हैं।
25 से ज्यादा वीडियो कोच बसें इसी रूट से उज्जैन से आगे बडऩगर, मंदसौर, रतलाम, कोटा, जयपुर तक जाती हैं।
वीआईपी को महाकाल दर्शन के लिए इसी रूट से आते-जाते है।










