जेपी नड्डा (JP Nadda) राज्यसभा में सदन के नेता बनाए गए हैं. बीजेपी अध्यक्ष ने राज्यसभा में पीयूष गोयल की जगह ली है. नड्डा के पास केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और उर्वरक तथा रसायन मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है. राज्यसभा की वेबसाइट पर भी जेपी नड्डा का नाम बतौर नेता सदन अपडेट कर दिया गया है.
भाजपा अध्यक्ष के तौर पर नड्डा का कार्यकाल इस साल जनवरी में समाप्त हो गया था. उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव की देखरेख के लिए छह महीने का विस्तार दिया गया था. उनका कार्यकाल जून में समाप्त हो रहा है.
63 साल के नड्डा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. वA 1991 में भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के अध्यक्ष बने..नड्डा साल 2012 में राज्यसभा के लिए चुने गए और 2014 में अमित शाह के पार्टी अध्यक्ष बनने पर उन्हें भाजपा संसदीय बोर्ड का सदस्य बनाया गया था.
जेपी नड्डा के केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद बीजेपी को अब नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश करनी है. भाजपा में आमतौर पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया के मुताबिक, सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करने की परंपरा रही है. भाजपा के संविधान की धारा-19 के अनुसार, पार्टी अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल करता है, जिसमें राष्ट्रीय और प्रदेश परिषद के सभी सदस्य शामिल होते हैं. इससे पहले पार्टी को जिला से लेकर राज्य स्तर तक चुनाव की लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव राष्ट्रीय कार्यकारिणी के निर्धारित नियमों के अनुसार ही कराया जाता है.
इससे पहले आम तौर पर देशभर में पार्टी सदस्यता अभियान भी चलाती है. ऐसे में इस सारी प्रक्रिया को पूरा होने में तीन से चार महीने का वक्त लगता है. यही वजह है कि निर्वाचन प्रक्रिया से गुजर कर राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन में लगने वाले समय को देखते हुए पार्टी स्तर पर कई विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है.