देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल होने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार दोपहर 3 बजे यूनिवर्सिटी के तक्षशिला कैंपस पहुंची। मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों अलग-अलग कोर्स के 46 टॉपर्स (छात्रों) काे गोल्ड मेडल प्रदान किए। समारोह में कुलाधिपति और राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद रहे। कई स्टूडेंट्स को 3 से 4 मैडल्स भी दिए गए।
आज दीक्षांत समारोह में आप सबके बीच आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। आज इस विश्वविद्यालय में पदक प्राप्त करने वाली विद्यार्थियों में बेटियों की संख्या बेटों से अधिक है। उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बहुत-बहुत बधाई देती हूं। आज इस अवसर पर इंदौर शहर के लोगों को भी बधाई देती हूं।
लगातार 7 बार भारत के स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रथम स्थान पर आने वाले इंदौर के लोगों ने असाधारण उदाहरण पेश किया।लोकमाता अहिल्या बाई शिक्षा के महत्व को समझती थी। उनके पिता ने उन्हें उस दौर में शिक्षित किया। जब लड़कियों के लिए पढ़ना आम बात नहीं थी। समाज के लोग इसका विरोध करते थे। महिला सशक्तिकरण का उनका जीवन एक उदाहरण है।देवी अहिल्या बाई का जीवन इस बात का उदाहरण है कि महिलाएं सभी क्षेत्र में सक्रिय होकर क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकती है।