रोगों से मुक्ति पाने की शक्ति प्रदान करता है गंगाजल

मां गंगा सभी का उद्धार करने वाली हैं। उनकी कृपा से दुर्भाग्य दूर हो जाते हैं। संकट से मुक्ति के लिए मां गंगा की उपासना बहुत मायने रखती है। मान्यता है कि गंगाजल का स्पर्श करने मात्र से कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। गंगाजल से स्नान या इस पवित्र जल का सेवन करने से कई रोगों का खतरा कम हो जाता है। गंगाजल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। वास्तु शास्त्र में गंगाजल के प्रयोग से कई दोषों को दूर करने के बारे में बताया गया है। आइए जानते हैं इनके बारे में।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

हर सोमवार भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करें। ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा बनी रहती है। गंगाजल के स्पर्श मात्र से ही मनुष्य और वस्तु शुद्ध हो जाती है। कोई भी पूजा बिना गंगाजल अधूरी मानी गई है। घर में साफ-सफाई के बाद स्नान कर पूजा करें और गंगाजल का छिड़काव करें। गंगाजल प्रत्येक कमरे में छिड़कें। इससे मन शांत रहता है और घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश नहीं होता है। गंगाजल के सेवन से निमोनिया, मस्तिष्क ज्वर जैसी बीमारियों से मुक्ति पाई जा सकती है। मान्यता है कि गंगाजल के प्रयोग सेआठ से भी ज्यादा बीमारियों का उपचार संभव है।

मान्यता है कि गंगाजल को घर में रखने से हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। कभी भी दूषित हाथों से गंगाजल को स्पर्श नहीं करना चाहिए। पवित्र गंगाजल को हमेशा तांबे या चांदी के बर्तन में रखना चाहिए। घर में जहां गंगाजल रखा जाता है, वहां साफ-सफाई का बहुत ध्यान रखना चाहिए। माना जाता है कि हर दिन गंगा जल पीने से मनुष्य निरोगी रहता है और लंबी आयु प्राप्त होती है।

गंगाजल को घर में रखने से हमेशा सुख-समृद्धी बनी रहती है। गंगाजल अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। घर को परेशानियों ने घेर रखा है तो गंगाजल को पीतल की बोतल में भरकर उत्तर पूर्व दिशा में रखें। सुबह घर का मुख्य दरवाजा खोलकर गंगाजल का छिड़काव करें। गंगा स्नान, पूजन और दर्शन मात्र से पापों का नाश होता है। हर रोज गंगा जल पीने से व्यक्ति निरोग रहते हुए लंबी उम्र भोगता है। पारिवारिक सदस्यों में क्लेश रहता है तो प्रतिदिन सुबह सारे घर में गंगा जल का छिड़काव करें। दक्षिणवर्ती शंख में गंगा जल भरकर रखने से लक्ष्मी नारायण की कृपा पाने मिलती है। साथ ही गंगाजल से श्री विष्णु का अभिषेक करें।

Related Articles