लोकसभा चुनाव में BJP 150 नए प्रत्याशी उतारेगी

लोकसभा चुनाव 2024 में उतरने की तैयारी के क्रम में पार्टी ने युवाओं को अधिक से अधिक प्रतिनिधित्व देने का निर्णय लिया है। पार्टी के वरिष्ठ सूत्रों के अनुसार पार्टी नेतृत्व ने इस बार 150 नए प्रत्याशियों को लोकसभा चुनाव में उतारने की योजना बनाई है। ज्यादा से ज्यादा नए प्रत्याशियों को टिकट देने के लिए दो से ज्यादा बार जीत चुके पूर्व सांसदों को संगठन में जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी।

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आज आप लोकसभा में देखिए तो ज्यादातर सांसदों का लंबा-चौड़ा राजनीतिक इतिहास दिखाई देगा। कोई तीन बार से लगातार सांसद है, तो कोई सातवीं बार चुनाव जीतकर लोकसभा में आया है। धीरे-धीरे लोकसभा और राज्यसभा में बुजुर्गों की भरमार होती जा रही है। मेनका गांधी और संतोष गंगवार तो लगातार 8 बार से सांसद हैं। भारत युवाओं का देश है। सर्वाधिक युवा आबादी वाले देश में भाजपा ने अपनी पार्टी की विभिन्न भूमिकाओं में युवाओं को प्रतिनिधित्व देने का निर्णय लिया है।

लोकसभा में युवाओं को अधिक प्रतिनिधित्व देने के क्रम में दो या इससे अधिक बार लोकसभा चुनाव जीत चुके नेताओं में से ज्यादातर को संगठन की जिम्मेदारी देने की तैयारी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार अपवाद को छोड़कर किसी को राज्यसभा में दो बार से ज्यादा नहीं भेजा जाएगा। राज्यसभा में 80 फीसदी ऐसे लोगों को मौका मिलेगा जो कानून, चिकित्सा, विज्ञान, कला, आर्थिक मामले, तकनीक, पर्यावरण और भाषा के जानकार हों। मकसद यह कि अब राज्य सभा में विशेषज्ञों को ज्यादा से ज्यादा स्थान दिया जाएगा। केवल कुछ ही लोग अपनी राजनीतिक हैसियत की वजह से देश के उच्च सदन में प्रवेश कर पाएंगे।

मौजूदा लोकसभा में सांसदों की औसत आयु 54 साल है। भाजपा के 25 से 55 साल के सांसदों का प्रतिनिधित्व 53 फीसदी है। भाजपा 56 से 70 वर्ष के ज्यादातर सांसदों की जगह 41-55 आयु वर्ग वालों को लड़ाने की तैयारी कर रही है। 25-40 आयु वर्ग वालों को दोबारा से टिकट दिया जाएगा।

लोकसभा में युवाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए भाजपा को 150 नए चेहरों को चुनाव में उतारना होगा। पार्टी रणनीतिकारों का मानना है कि ऐसा युवा ही जनता के बीच ज्यादा काम करके लोकप्रियता हासिल कर पाएंगे।

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