विकास की गाथा लिख रहा हिंदी का सर्व समावेशी स्वभाव- श्री कृष्ण प्रकाश

विकास की गाथा लिख रहा हिंदी का सर्व समावेशी स्वभाव- श्री कृष्ण प्रकाश

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महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा ‘हिंदी : वर्तमान और भविष्य’ विषय पर परिसंवाद

मुंबई, 12 सितम्बर। महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी और आर डी नेशनल काॅलेज, बांद्रा के संयुक्त तत्वावधान में ‘हिंदी : वर्तमान और भविष्य’ विषय पर एक परिसंवाद का आयोजन सोमवार, 11 सितम्बर, 2023 को मुंबई के बांद्रा पश्चिम स्थित नेशनल कॉलेज के सभागार में किया गया, जिसमें हिंदी भाषा के वर्तमान परिदृश्य और भावी पहलुओं पर विस्तृत एवं सार्थक चर्चा की गई।

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नेशनल कॉलेज की प्राचार्या डॉ नेहा जगतियानी ने प्रारम्भ में सभी अतिथियों का स्वागत किया। दीप प्रज्ज्वलन और महाराष्ट्र राज्य गीत से शुरू हुए इस परिसंवाद में प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित वरिष्ठ आई पी एस अधिकारी और फोर्स वन के प्रमुख श्री कृष्ण प्रकाश ने कहा कि हिंदी का सर्वसमावेशी स्वभाव उसके विकास की गौरवशाली गाथा लिख रहा है। उन्होंने कहा कि हम सभी को हिंदी के गौरवशाली इतिहास को देखते हुए विश्वभाषा बनने की ओर बढ़ते इसके कदमों को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता है।

परिसंवाद की अध्यक्षता कर रहे महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे ने अकादमी की गतिविधियों की जानकारी देते हुए हिंदी के गौरवशाली वर्तमान के साथ यशस्वी भविष्य को रेखांकित किया। मुख्य अतिथि और हिंदी साहित्य के वरिष्ठ समीक्षक डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय ने विदेशों में हिंदी के विकास का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि भविष्य में हिंदी दुनिया की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भाषा बनने की तरफ निरंतर अग्रसर है। विशेष अतिथि प्रो. मंजुला देसाई ने मीडिया, फिल्मों आदि के माध्यम से देश- दुनिया में लोकप्रिय होती हिंदी के महत्वपूर्ण पहलुओं का उल्लेख किया।

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परिसंवाद का संचालन कवयित्री सुश्री संध्या यादव और डॉ. अंजना विजन ने किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्यकारी सदस्य श्री आनंद सिंह, प्रो. मार्कंडेय त्रिपाठी और श्री गजानन महतपुरकर का सत्कार वरिष्ठ आई पी एस अधिकारी श्री कृष्ण प्रकाश और महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे द्वारा किया गया। डॉ. प्रतिमा सिंह सहित विभिन्न हिंदी साहित्य प्रेमियों तथा बड़ी संख्या में मौजूद विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों की उपस्थिति में यह यादगार परिसंवाद राष्ट्रगान के साथ सम्पन्न हुआ।

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