शिप्रा किनारे 21 लाख दीपक लगाने का लक्ष्य

महाकाल की नगरी में महाशिवरात्रि दीपोत्सव की तैयारी….

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उज्जैन। महाकाल की नगरी में एक बार फिर महाशिवरात्रि को दीपोत्सव के साथ मनाने की कवायद प्रारंभ हो गई है। इस वर्ष शिप्रा किनारे 20 लाख दीपक लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें अयोध्या का रिकॉर्ड तोडऩे की तैयारी है।

गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में एक ही स्थान पर सबसे अधिक दीप पर जलाने का रिकॉर्ड एक बार फिर उज्जैन शहर के नाम करने के लिए महाशिवरात्रि पर 21 लाख दीपक प्रज्जवलित किए जाएंगे। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि सीएम शिवराज सिंह चौहान की मंशा अनुसार इस बार भी महाशिवरात्रि पर्व को भव्य रूप में बनाना है। सीएम की इच्छा है कि उज्जैन शहर टूरिस्ट डेस्टिनेशन बने इसके लिए प्रयास किये जा रहे है।

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महाशिवरात्रि पर्व को शिव दीपवाली पर्व की तरह बनाया जाएगा। बीते वर्ष का रिकॉर्ड तोड़कर इस बार 21 लाख दीपक जलाकर महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। इसमें पूरा शहर भागीदारी करेगा। 20 हजार लोग इस काम में लगाए जाएंगे। सामाजिक संगठन, छात्र, व्यापारी, जन प्रतिनिधि, निजी संस्था सहित अन्य लोगों की भी मदद ली जाएगी। 18 फरवरी को महाशिवरात्रि है। पूरे शहर को बिजली से रोशन कर चौराहे, पार्क आदि जगह पर सजावट की जाएगी। पिछले साल शिवरात्रि पर शिप्रा नदी के रामघाट पर 13 लाख दीपक जलाए गए थे।

अयोध्या का रिकॉर्ड टूटेगा

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महाशिवरात्रि पर नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। अयोध्या में दीपावली की पूर्व संध्या पर 23 अक्टूबर को दीपोत्सव मनाकर सरयू घाट पर 15 लाख दीप जलाए गए थे। इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया।
अब उज्जैन इस रिकॉर्ड को तोडऩे की तैयारी में जुट गया है।

महाशिवरात्रि पर्व पर 18 फरवरी को शिप्रा तट पर २१ लाख दीप जलाने की तैयारी शुरू हो गई है। महाशिवरात्रि पर शिव ज्योति अपर्णम महोत्सव का भव्य आयोजन होगा, इसमें 18 लाख दीपों की रोशनी से शिप्रा का पावन तट जगमग होगा। वही संपूर्ण शहर भी दीपों की रोशनी से जगमगाएगा। पिछले साल महाशिवरात्रि पर ही शिप्रा तट पर १३ ये अधिक दीये जलाकर रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन इसके बाद दीपावली पर अयोध्या में 15 लाख 96 हजार दीप जलाकर नया रिकॉर्ड बना दिया था।

दीपक की अनुमानित लागत 40 लाख रुपए

महाशिवरात्रि पर महाकाल मंदिर प्रबंध समिति और निगम द्वारा सबसे अधिक दीप जलाने की तैयारी शुरू कर दी है। नगर निगम उज्जैन ने महोत्सव के लिए तैयारी शुरू कर दी है। 25 लाख दीपों के टेंडर निकाले हैं, जिनकी अनुमानित लागत 40 लाख रुपए बताई है। तीन तरह का तेल (सरसों, सोयाबीन और कपास) 50 हजार लीटर, 25 लाख रुई की बत्ती, 600 किलो कपूर के साथ ही 4 हजार माचिस के भी टेंडर निकाले हैं।

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