शिप्रा नदी के लिए बनी चार सूत्रीय कार्ययोजना

इंदौर और देवास की योजनाओं के साथ बनेगा एकीकृत प्लान
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उज्जैन। शिप्रा नदी में मिलने वाले गंदे पानी को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने चार सूत्रीय योजना तैयार कर ली है। इंदौर और देवास की योजनाओं के साथ जोड़कर इसे एकीकृत रूप दिया जाएगा।
शिप्रा नदी के लिए जिला प्रशासन एक्शन मोड में है। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने नदी का निरीक्षण कर मंगलवार को ही अधिकारियों के साथ बैठक कर चार सूत्रीय योजना तैयार की है। जल्द ही इसके आधार पर प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजे जाएंगे। 15 जनवरी को मकर संक्रांति पर होने वाले स्नान के लिए भी प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है।
ये है प्रस्तावित योजना
इंदौर से उज्जैन तक जल संसाधन विभाग स्टॉपडेम बनाएगा। इनमें सीमेंट कांक्रीट वर्क भी होगा।
एसटीपी स्थापित करने की संभावना तलाशी जाएगी।
खान डायवर्शन योजना काम नहीं कर रही तो उसमें सुधार किया जाए।
उज्जैन में अमृत योजना के तहत एसटीपी प्लांट स्थापित करना।
सीवरेज प्रोजेक्ट:147 किलोमीटर लाइन शेष, 30 जून तक का टारगेट
उज्जैन। शहर में सीवरेज प्रोजेक्ट की 147 किलोमीटर लाइन डालना शेष है। इसके साथ अन्य कुछ कार्य भी लंबित है। प्रोजेक्ट को पूर्ण करने के लिए टाटा को 30 जून तक का टारगेट दिया गया है। टाटा प्रोजेक्ट के अधिकारियों को कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बैठक लेकर निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट के अनुसार जो काम शहर में चल रहा है, वह धीमी गति से किया जा रहा है।
टाटा प्रोजेक्ट के अधिकारी को निर्देश दिए कि 30 जून तक प्रोजेक्ट पूरा करें। काम करने में कोई अड़चन आ रही है तो अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराए। बैठक में टाटा के अधिकारी ने बताया कि टाटा प्रोजेक्ट का ठेका वर्ष 2018 से शुरू हुआ। अभी तक शहर में 265 किलोमीटर में लाइन डाल चुके हैं और 147 किलोमीटर लाइन डालना शेष है। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि किस माह में कितना काम हुआ है और आगे किस माह में कितना काम कंपलीट लाइन डालने का किया जाएगा, उसकी विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की जाए।










